पॉक्सो एक्ट: राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूलों में सेक्स एजुकेशन अनिवार्य करने की मांग वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2022-07-30 05:40 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने हाल ही में उस जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो) के तहत गठित विशेष न्यायालयों की स्थिति की जांच के लिए समिति बनाने की मांग की गई है।

कुणाल रावत द्वारा दायर जनहित याचिका में यह भी प्रार्थना की गई कि नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों की समस्या को रोकने के लिए राज्य भर के स्कूलों और आंगनवाड़ियों में यौन स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा अभियान चलाया जाए।

याचिकाकर्ता ने राजस्थान में पॉक्सो मामलों के त्वरित निपटान के लिए दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग भी की।

इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि बच्चा/पीड़ित सुरक्षित और सहज महसूस करता है, बच्चा/पीड़ित किसी भी तरह से आरोपी के संपर्क में नहीं है, अदालतों में बाल अनुकूल प्रथाओं को अपनाने के लिए निर्देश दिए जाने की प्रार्थना की गई है। इसके अलावा, याचिका में बच्चे की परीक्षा के समय माता-पिता या किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की प्रार्थना की गई है, जिस पर बच्चे का भरोसा या विश्वास है।

याचिका में यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई कि बच्चे/पीड़ित का बयान तेजी से दर्ज किया जाए। याचिका में यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है कि पीड़िता/बच्चे को बार-बार अदालत में नहीं बुलाया जाए, क्योंकि इससे पीड़ित/बच्चे का आघात और बढ़ जाएगा।

याचिकाकर्ता के वकील में राधिका महरवाल, धृति शर्मा और आराधना स्वामी शामिल हैं, जबकि प्रतिवादियों के वकील में सौरभ शर्मा और राहुल सेहरा के साथ एएजी गणेश मीणा शामिल हैं।

याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से भी कोर्ट में पेश हुआ।

केस टाइटल: कुणाल रावत बनाम राजस्थान राज्य और अन्य।

केस नंबर: डी.बी. सिविल रिट याचिका संख्या 9941/2022

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