NHAI को आबादी वाले इलाकों में राजमार्ग बनाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत की जनहित याचिका खारिज की
राजस्थान हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका खारिज कर दी, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India) को राजमार्गों पर बाईपास का निर्माण नहीं करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
एनएच 325 के पास स्थित गांव की ग्राम पंचायत द्वारा दायर जनहित याचिका में एनएचएआई को गांव के आबादी वाले इलाके से होकर हाईवे बनाने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी ताकि गांव का भी विकास हो सके।
अदालत ने कहा कि पूर्व दृष्टया रिट याचिका परोक्ष और दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए दायर की गई है।
इस मामले पर लंबी बहस के बाद याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने याचिका वापस लेने की मांग की।
जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस कुलदीप माथुर की खंडपीठ ने अनुरोध को अनुमति देते हुए कहा,
"पूर्व दृष्टया हमारी राय है कि रिट याचिका दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए दायर की गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को राजमार्गों पर बाईपास का निर्माण नहीं करने और उन्हें आबादी वाले क्षेत्रों के माध्यम से राजमार्ग का निर्माण करने के लिए निर्देश देने की प्रार्थना पर विचार करने का कोई औचित्य नहीं हो सकता। पूर्व दृष्टया हमें लगता है कि इस रिट याचिका को दायर करने के पीछे का मकसद वास्तविक नहीं है।"
याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट शंभू सिंह राठौर पेश हुए।
केस टाइटल: ग्राम पंचायत, दुजाना पंचायत समिति, सुमेरपुर जिला पाली, अपनी सरपंच श्रीमती के माध्यम से पंकू देवी बनाम भारत संघ और अन्य।
साइटेशन: लाइव लॉ (राज) 223/2022
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