[रईस की प्रमोशन के दौरान भगदड़] "शाहरुख खान से माफी मांगने के लिए कहेंगे, इस मामले को खत्म करें": गुजरात हाईकोर्ट ने मामले में शाहरुख खान की याचिका पर कहा

Update: 2022-02-19 05:11 GMT

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने गुरुवार को अभिनेता शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उनके खिलाफ वडोदरा रेलवे स्टेशन पर वर्ष 2017 में उनकी फिल्म रईस के प्रचार के दौरान हुई भगदड़ के लिए एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था।

न्यायमूर्ति निखिल एस. करील की खंडपीठ ने कहा कि यह एक बेहतर विकल्प होगा यदि शाहरुख खान को मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए कहने के बजाय माफी मांगने के लिए कहा जाए।

पूरा मामला

प्राथमिकी के अनुसार, शाहरुख खान मुंबई से दिल्ली के लिए एक ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। जब ट्रेन वडोदरा रेलवे स्टेशन पर पहुंची, तो खान की एक झलक पाने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई।

प्रमोशन के दौरान शाहरुख खान ने हाथ छुड़ाकर लोगों के बीच टी-शर्ट और गेंद फेंकी, जिससे भगदड़ मच गई और पुलिस को जनता पर लाठीचार्ज करना पड़ा।

इसके अलावा, भगदड़ के कारण, एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, कई लोग घायल हो गए थे और दो पुलिसकर्मी घटना के दौरान बेहोश हो गए थे।

उक्त घटना के बाद, एक स्थानीय कांग्रेसी, जितेंद्र सोलंकी ने मामले में शिकायत दर्ज की और पुलिस ने खान के खिलाफ मामला दर्ज किया, अदालत ने मामले का संज्ञान लेते हुए उन्हें आईपीसी की धारा 336, 337 और 338 और रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 145, 150, 152, 154 और 155 (1) (ए) के तहत आरोपों का सामना करने के लिए समन जारी किया।

इसके बाद, खान ने प्राथमिकी को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और उच्च न्यायालय ने जुलाई 2017 में मुकदमे पर रोक लगा दी।

अदालत के समक्ष, खान के वकील ने तर्क दिया कि खान ने रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म में प्रवेश नहीं किया और उसने केवल अपना हाथ दिखाया था और जनता के बीच टी-शर्ट, गेंद फेंक दी जो कोई अपराध नहीं है।

इसके अलावा, यह भी तर्क दिया गया कि भगदड़ के दौरान जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई वह हृदय रोगी था और किन्हीं अन्य कारणों से उसकी मृत्यु हो गई।

न्यायालय की टिप्पणियां

शुरुआत में, अदालत ने हल्के-फुल्के अंदाज में विपरीत पक्ष के वकील से पूछा कि अगर खान को मुकदमे का सामना करने के लिए कहा जाए तो क्या होगा।

कोर्ट ने कहा,

"यदि आप चाहते हैं कि आरोप के मामले में सुनवाई हो, तो कल्पना कीजिए कि इससे किस तरह की अराजकता होगी, क्या आप ऐसा चाहते हैं?"

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी के लिए स्थगित करते हुए कहा,

"मैं उनसे (खान) आपको माफी पत्र भेजने के लिए कहूंगा। इस मामले को खत्म कर दो।"

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