पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपनी बूढ़ी मां को गैर-कानूनी तरीके से घर से बेदखल करने का प्रयास करने वाले व्यक्ति पर एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया

Update: 2021-07-31 11:25 GMT

Punjab & Haryana High Court

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी, जिसने अपनी बूढ़ी मां को अवैध रूप से बेदखल करने का प्रयास किया था। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान ने दायर याचिका को 'दुर्भाग्यपूर्ण याचिका' बताते हुए कहा कि,

"प्रतिवेदन के अवलोकन से यह भी पता चलता है कि यह अपनी ही मां को परेशान करने के परोक्ष उद्देश्य से दायर किया गया है ताकि उसके द्वारा दिए गए जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर, याचिकाकर्ता घर को हड़प सके और बुढ़ापे में उसे बेदखल कर सके। यह याचिकाकर्ता की ओर से पुलिस को दिए गए अभ्यावेदन के साथ-साथ इस याचिका की सामग्री से लालच स्पष्ट है।"

वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता के पिता ने 11 नवंबर, 2013 को एक वसीयतनामा किया था, जिसमें घर का 50 प्रतिशत हिस्सा याचिकाकर्ता को दिया गया था और अन्य 50 प्रतिशत हिस्सा उसकी पत्नी यानी याचिकाकर्ता की वृद्ध मां को प्रदान किया गया था। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि याचिकाकर्ता की वृद्ध मां के पास जीवन भर रहने के लिए एक घर हो।

याचिकाकर्ता ने इसके बाद अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि उसे अपनी मां की संपत्ति के हिस्से पर जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी प्राप्त हुई है।

कोर्ट ने इस तरह के एक तर्क को खारिज करते हुए कहा कि रिकॉर्ड के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता बेईमान है क्योंकि वह अपनी ही मां को घर से बाहर करना चाहता है और आगे इसे बेचने की योजना बना रहा है।

न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर यह आरोप लगाकर याचिका का निस्तारण कर दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एसएएस नगर (मोहाली) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि याचिकाकर्ता से 1 लाख रुपये का जुर्माना वसूला जाए और इसके बाद 2 महीने की अवधि के भीतर याचिकाकर्ता की वृद्ध मां को भुगतान किया जाए।

केस का शीर्षक: सनी गोयल बनाम पंजाब राज्य एंड अन्य

आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:




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