पंजाब कोर्ट ने जाली हस्ताक्षर मामले में जनता पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी का निर्देश दिया
पंजाब कोर्ट ने नामांकन दाखिल करने के लिए विधायकों के हस्ताक्षरों की कथित जालसाजी से जुड़े एक मामले में जनता पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी का निर्देश दिया। अदालत ने गिरफ्तारी में बाधा डालने के आरोप में चंडीगढ़ के थाना प्रभारी (SHO) से भी स्पष्टीकरण मांगा।
पंजाब पुलिस ने सोमवार को कथित तौर पर कई FIR दर्ज कीं, जब आम आदमी पार्टी (AAP) के कई विधायकों ने आरोप लगाया कि आगामी राज्यसभा उपचुनाव के लिए जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा करने वाले नवनीत चतुर्वेदी द्वारा जमा किए गए नामांकन पत्रों पर उनके जाली हस्ताक्षर किए गए।
सीजेएम रूपनगर सुखविंदर सिंह ने कहा,
"एसएसपी, चंडीगढ़ और थाना सेक्टर 3 चंडीगढ़ के एसएचओ को निर्देश दिया जाता है कि वे अधोहस्ताक्षरी की अदालत द्वारा जारी आरोपी नवनीत चतुर्वेद की गिरफ्तारी के वारंट का उचित निष्पादन सुनिश्चित करें।"
इसके अलावा, कोर्ट ने निर्देश दिया,
"चंडीगढ़ सेक्टर-3 पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर नरिंदर पटियाल को यह स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया जाता है कि किस कानूनी प्रावधान के तहत उन्होंने कल शाम से आरोपी को अपनी हिरासत में रखा है और रूपनगर पुलिस को गिरफ्तारी वारंट तामील करने की अनुमति नहीं दी। उन्हें इस आदेश की तिथि से चार दिनों के भीतर एसएसपी, चंडीगढ़ द्वारा विधिवत प्रतिहस्ताक्षरित अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है, अन्यथा उनके विरुद्ध कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।"
रूपनगर कोर्ट में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 80 के तहत एसएसपी चंडीगढ़ और एसएचओ थाना सेक्टर-3 चंडीगढ़ के साथ-साथ सीनियर पुलिस अधीक्षक, चंडीगढ़ को चतुर्वेदी के विरुद्ध कोर्ट द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट का समर्थन और तामील करने का निर्देश देने हेतु याचिका दायर की गई।
एक अन्य आदेश में रोपड़ कोर्ट ने चंडीगढ़ सेक्टर-3 पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने का आवेदन स्वीकार कर लिया और संबंधित सेवा प्रदाता को चंडीगढ़ सेक्टर-3 पुलिस स्टेशन परिसर से संपूर्ण सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करके कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
पंजाब सरकार ने बुधवार को हाईकोर्ट में आरोप लगाया कि चंडीगढ़ पुलिस जनता पार्टी प्रमुख नवनीत चतुर्वेदी को बचा रही है, जिन पर राज्यसभा नामांकन दाखिल करने के लिए पंजाब के कई विधायकों के जाली हस्ताक्षर करने का आरोप है। इसी सिलसिले में यह नोटिस जारी किया गया।