"रक्षक कहे जाने वाले पुलिस कर्मी हमलावर हो गए": इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतर जातीय विवाह करने वाली लड़की पर कथित रूप से हमला करने वाले पुलिस के खिलाफ जांच के आदेश दिए

Update: 2022-05-02 04:18 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाल ही में एस.एस.पी., वाराणसी को एक लड़की द्वारा लगाए गए आरोप की जांच करने का निर्देश दिया। आरोप है कि उसके साथ यूपी पुलिस कर्मियों द्वारा हमला किया गया है, जिसने अंतर्जातीय विवाह किया है।

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि आरोप सही पाए जाने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

अहम बात यह है कि अपनी नाराजगी जताते हुए जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की बेंच ने इसे अस्वीकार्य स्थिति बताया और टिप्पणी की कि रक्षक कहे जाने वाले पुलिस कर्मी इस मामले में हमलावर हो गए हैं।

क्या है पूरा मामला?

पीठ लड़की के पति द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें अदालत के समक्ष उसकी उपस्थिति की मांग करते हुए आरोप लगाया गया था कि वह अपने भाइयों की अवैध हिरासत में है।

अब, अदालत के आदेश के अनुसार, लड़की कविता गुप्ता (कॉर्पस) और उसके पति महेश कुमार विश्वकर्मा 29 अप्रैल को अदालत के समक्ष उपस्थित हुए।

लड़की ने अदालत को सूचित किया कि वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से एमए कर रही है और अपनी पढ़ाई के दौरान, उसने महेश कुमार विश्वकर्मा के साथ एक निश्चित मात्रा में प्रेम संबंध विकसित किए और दोनों ने शादी करने का फैसला किया और आखिरकार पिछले साल शादी कर ली।

उसने आगे कहा कि उसके भाई लड़की के प्रति बहुत क्रूर हैं क्योंकि उसने उनकी इच्छा के विरुद्ध शादी की। हालांकि, भाइयों ने आरोपों से इनकार किया।

गौरतलब है कि उन्होंने कहा कि 26 अप्रैल 2021 को उनके साथ पुलिस चौकी-खजुरी थाना मिर्जा मुराद थाना प्रभारी अभिषेक कुमार ने बेरहमी से मारपीट की थी और उनके साथ दो महिला आरक्षक भी थीं।

न्यायालय की टिप्पणियां

शुरुआत में, न्यायालय ने मामले की जांच का आदेश दिया और कहा,

"यह एक अस्वीकार्य स्थिति है जहां पुलिस कर्मी जिन्हें रक्षक कहा जाता है, हमलावर हो गए हैं। परिस्थितियों में एस.एस.पी., वाराणसी को उपरोक्त पुलिस कर्मियों द्वारा कॉर्पस पर हमला करने के आरोप मामले की जांच करने के लिए निर्देशित किया जाता है और सही पाए जाने पर आज से दस दिनों के भीतर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।"

इसके अलावा, अदालत ने लड़की के भाइयों से कहा कि वे अपनी बहन के साथ सभी संबंध तोड़ लें और उसे परेशान या बुरा व्यवहार न करें क्योंकि उसने अपनी पसंद के लड़के से शादी कर ली है।

लड़की को अपने भाइयों से मिल रही धमकियों को देखते हुए कोर्ट ने एस.एस.पी., वाराणसी और थाना प्रभारी, थाना-राजा तालाब को निर्देश देते हुए लड़की, उसके पति और ससुराल वालों की सुरक्षा की व्यवस्था की जाए।

अजीबोगरीब तथ्यों और परिस्थितियों के तहत, यह स्वीकार करते हुए कि कविता गुप्ता बालिग है, अदालत ने जोर देकर कहा कि लड़की कविता गुप्ता अपने पति के साथ रहने के लिए स्वतंत्र है। इसके साथ ही बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निपटारा किया गया।

याचिकाकर्ता/कॉर्पस की ओर से अधिवक्ता मिथिलेश कुमार गुप्ता पेश हुए।

केस टाइटल - कविता गुप्ता (कॉर्पस) बनाम स्टेट ऑफ यू.पी. एंड 3 अन्य [हैबियस कॉर्पस रिट याचिका संख्या – 192 ऑफ 2022 ]

केस उद्धरण: 2022 लाइव लॉ 221

आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:



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