महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस की परीक्षा देने के लिए उम्मीदवार अपनी नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट पेश करेंः बॉम्बे हाईकोर्ट

Update: 2021-06-05 12:00 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर बेंच) ने महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस (एमयूएचएस) को एक एडवाइजरी जारी करने का निर्देश दिया है, जिसमें मेडिकल छात्रों को 10 जून को या उनकी परीक्षा से पहले परीक्षा केंद्र पर अपने हॉल टिकट के साथ अपनी नेगेटिव RT-PCR COVID19 रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा जाए।

न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे की एकल पीठ ने स्पष्ट किया है कि किसी भी छात्र को 10 जून से पहले स्वयं का टेस्ट कराने में असमर्थ रहने के कारण परीक्षा में बैठने से नहीं रोका जाना चाहिए। इसके बजाय परीक्षक छात्रों को अगली तारीख या अधिमानतः 15 जून से पहले टेस्ट करवाने के लिए कहें। कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि,''यह कहने की जरूरत नहीं है कि अगर रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाती है तो परीक्षार्थी परीक्षा देने की स्थिति में नहीं होगा।''

पीठ ने अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए एनजीओ एचईआरडी फाउंडेशन की एक जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया है और स्नातक के छात्रों के लिए एमयूएचएस की 'विंटर 2020 (ऑफलाइन) परीक्षा' पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

जनहित याचिका में 20 दिनों और 173 केंद्रों में होने वाली सेमेस्टर परीक्षा से पहले लगभग 40,000 स्नातक के छात्रों के टीकाकरण या ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करवाने की मांग की गई थी।

अदालत द्वारा अंतरिम राहत देने से इनकार करने के बाद, याचिकाकर्ता के वकील राहुल भांगडे ने कहा कि परीक्षा से पहले छात्रों का टेस्ट किया जाना चाहिए।

एमयूएचएस के वकील ने इस प्रार्थना का विरोध करते हुए कहा कि समय की कमी के कारण, वे छात्रों को सूचित करने की कवायद नहीं कर पाएंगे। उन्होंने एक  सुझाव देते हुए कहा कि छात्र स्वयं परीक्षा से पहले अपना टेस्ट करवा लें।

शनिवार को आदेश सुनाते हुए पीठ ने कहा कि आम तौर पर परीक्षार्थियों को स्वयं इस तरह के टेस्ट करवा लेने चाहिए।

''हालांकि, एक सुरक्षा उपाय के रूप में, प्रत्येक परीक्षार्थी के लिए यह उचित होगा कि वह स्वंय का एक RT-PCR  टेस्ट करवाए और उस टेस्ट का परिणाम नेगेटिव आता है तभी वह परीक्षा में बैठ सकता है।''

"इसलिए एमयूएचएस को विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यों को एक एडवाइजरी जारी करने और इसे अपनी वेबसाइट पर भी प्रकाशित करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें कहा जाए कि प्रत्येक परीक्षार्थी के लिए यह वांछनीय होगा कि वह स्वयं का COVID19 टेस्ट करवाए और 10 जून 2021 को अपने हॉल टिकट के साथ अपनी नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करे।

यदि किसी परीक्षार्थी के पास ऐसा प्रमाण पत्र नहीं है, तो उसे परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन उसे स्वयं का RT-PCR  टेस्ट करवाने के लिए कहा जाए और परीक्षा की अगली तारीख पर या अधिमानतः 15 जून से पहले इस संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाए। यह कहने की जरूरत नहीं है कि यदि रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाती है, तो परीक्षार्थी परीक्षा देने की स्थिति में नहीं होगा।''

दो सदस्यीय खंडपीठ अब मुख्य जनहित याचिका पर 14 जून को सुनवाई करेगी।

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