दिल्ली हाईकोर्ट ने बिना किसी आईडी के घरों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए मुफ्त राशन और अनुग्रह राशि की मांग वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को बिना किसी आईडी के घरों में काम करने वाले सभी कर्माचारियों (महिलाओं सहित) के लिए मुफ्त राशन और 10,000 रूपये की अनुग्रह राशि की मांग वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने दिल्ली में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली पांच महिलाओं द्वारा दायर याचिका में नोटिस जारी किया। इस याचिकामें शहर के विभिन्न हिस्सों में घरेलू सहायक के रूप में काम करने वाले 471 लोगों के हित में प्रतिवादी अधिकारियों से निर्देश मांगे गए हैं।
याचिका में यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि इन सभी महिलाओं को उनके राशन कार्ड, आधार कार्ड या किसी अन्य आईडी कार्ड के बिना मुफ्त राशन दिया जाए।
याचिका में दिल्ली सरकार को अपने मुख्य सचिव और श्रम आयुक्त, जीएनसीटीडी के माध्यम से मामले में प्रतिवादी बनाया गया है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश किया गया कि 27 मई 2021 को एक अधिसूचना जारी कर असंगठित कामगारों, प्रवासी कामगारों, भवन निर्माण कामगारों समेत सभी जरूरतमंद लोगों को गैर पीडीएस राशन बांटने का निर्देश दिया जा चुका है।
यह भी प्रस्तुत किया गया कि यह शिक्षा निदेशालय और नगर प्राधिकरण के विभिन्न स्कूलों के माध्यम से राशन कार्ड या किसी अन्य आईडी प्रमाण के उत्पादन पर जोर दिए बिना किया जा रहा है।
कोर्ट ने उक्त बयान को रिकॉर्ड में लेते हुए मामले में नोटिस जारी किया और आदेश दिया:
"प्रतिवादी के वकील नोटिस स्वीकार करते हैं। उसके प्रार्थना करने पर जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया जाता है। उसके बाद दो सप्ताह के भीतर यदि कोई हो तो प्रत्युत्तर दायर किया जाए।"
अब इस मामले की सुनवाई 30 जुलाई 2021 को होगी।
शीर्षक: रितु जोशी और अन्य बनाम जीएनसीटीडी और अन्य।
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