नीतीश को CM पद से हटाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका, महागठबंधन को बताया गलत

Update: 2022-08-19 03:01 GMT

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को सीएम पद से हटाने की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की गई है।

याचिका में कहा गया है कि राज्यपाल द्वारा नीतीश कुमार की सीएम पद पर पुनर्नियुक्ति असंवैधानिक है। इसलिए इन्हें सीएम पद से हटाया जाना चाहिए।

यह याचिका पटना की समाजसेवी धर्मशीला देवी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील बरूण सिन्हा ने दायर की है।

याचिका में कहा गया है कि नीतीश कुमार ने जो किया है वह संसदीय लोकतंत्र और संविधान के आधारभूत ढांचे के खिलाफ है! नीतीश कुमार का महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाना धोखाधड़ी है और भारत के संविधान की मूल विशेषता का उल्लंघन है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि गर्वनर को अनुच्छेद 163 और 164 के तहत नीतीश कुमार को पुर्ननियुक्ति नहीं करना चाहिए है क्योंकि नीतीश कुमार इस्तीफे के बाद मेजोरिटी कॉलेजन को छोड़कर माइनौटी कॉलेजन के साथ सरकार बना ली जिसकी इजाजत संविधान नहीं देता। इससे संसदीय जनतांत्रिक व्यवस्था के साथ-साथ भारतीय संविधान की मूल विशेषता को भी क्षति पहुंची है।

याचिका में कोर्ट के विचार के लिए वर्तमान मामले में कानून के निम्नलिखित महत्वपूर्ण प्रश्न शामिल हैं:

1. क्या भारत के संविधान का अनुच्छेद 163 और 164 राज्य के राज्यपाल को उन्हीं व्यक्तियों को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त/पुनर्नियुक्त करने का अधिकार देता है जिनके इस्तीफे पर मुख्यमंत्री के कार्यालय में उनकी अपनी इच्छा से रिक्ति बनाई गई थी?

2.क्या प्रतिवादी संख्या 3 (नीतीश कुमार) अपनी मर्जी से इस्तीफा देने के तुरंत बाद महागठबंधन से जुड़े विधायकों के समर्थन से दावा पेश करने योग्य थे?

3. क्या राज्यपाल द्वारा नीतीश कुमार को सीएम पद पर नियुक्त करना असंवैधानिक नहीं है? बी.आर. कपूर बनाम तमिलनाडु राज्य एंड अन्य, 2001 7 एससीसी 231 मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा जताया।

4. क्या किसी मुख्यमंत्री द्वारा अपनी सरकार की पांच साल की अवधि के दौरान अपनी इच्छा से इस्तीफा देना, मौजूदा विधायिका के उक्त पांच साल के कार्यकाल के दौरान फिर से मुख्यमंत्री बनने के योग्य हैं?

5. क्या अनुच्छेद 164 के साथ पठित अनुच्छेद 163(1) और (2) विधान सभा में चुनाव के बाद गठबंधन के आधार पर मुख्यमंत्री की नियुक्ति की अनुमति देता है?

6. क्या दो या दो से अधिक राजनीतिक दलों के बीच चुनाव के बाद गठबंधन की संवैधानिक योजना के तहत अनुमति है, भले ही उन्हें लोगों का जनादेश न मिला हो, क्या सरकार बनाने के लिए माननीय राज्यपाल के समक्ष दावा पेश कर सकते हैं?

7. क्या कोई राजनीतिक दल चुनाव पूर्व गठबंधन में सहयोगी होने के कारण चुनाव बाद अलग हो सकता है और एक नई सरकार बनाने का दावा कर सकता है?

8. क्या एक राजनीतिक दल जिसके पास सरकार बनाने के लिए बिहार के लोगों का कोई जनादेश नहीं है, क्या वह किसी अन्य राजनीतिक दल के समर्थन के साथ दावा पेश कर सकता है, जिसे बिहार के लोगों द्वारा लोकतंत्र के नाम पर सत्ता से बाहर कर दिया गया हो, इस अवधारणा की अनदेखी करते हुए संसदीय लोकतंत्र की आवश्यकता के अनुसार लोकप्रिय सरकार जो भारतीय संविधान की मूल विशेषता है?

दरअसल, हाल ही में नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग होकर तेजस्वी यादव की आरजेडी से मिलकर सरकार बना ली है। इसके साथ ही नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं।


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