'जातिवादी' टिप्पणी: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अभिनेत्री मुनमुन दत्ता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की

Update: 2022-01-19 06:54 GMT

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अभिनेत्री मुनमुन दत्ता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। मुनमुन दत्ता ने कथित तौर पर एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। इस वीडियो में वह जातिगत टिप्पणी करती हुई नज़र आ रही थीं।

अभिनेत्री मुनमुन दत्ता लोकप्रिय हिंदी धारावाहिक 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में बबीता अय्यर की भूमिका के लिए जानी जाती हैं।

जस्टिस अवनीश झिंगन की खंडपीठ सीआरपीसी की धारा 438 के तहत दायर उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अभिनेत्री ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(1)(यू) के तहत मई 2021 में दर्ज एफआईआर (हांसी में) में अग्रिम जमानत की मांग की।

कुछ समय तक बहस करने और यह महसूस करने के बाद कि याचिकाकर्ता ने सत्र न्यायालय से संपर्क नहीं किया, याचिकाकर्ता के वकील ने सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी।

अदालत ने याचिका को वापस लेने की स्वतंत्रता के साथ प्रार्थना के रूप में खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि एक यूट्यूब वीडियो में जातिवादी गाली का इस्तेमाल करने के लिए मुनमुन दत्ता के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(यू) के तहत कुल पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं।

इसके बाद, सभी एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एकत्रित करने का कहते हुए हांसी शहर में दर्ज मुख्य एफआईआर के रूप में मानने का आदेश दिया। अभिनेत्री ने सार्वजनिक रूप से इसके लिए माफी मांगी और कहा कि एक भाषा बाधा थी जिसके कारण वह उसके अर्थ से अवगत नहीं थी।

रुचि सेखरी, अधिवक्ता याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुईं और डिंपल जैन, एएजी, हरियाणा राज्य की ओर से पेश हुईं।

केस का शीर्षक - मुनमुन दत्ता बनाम हरियाणा राज्य

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