उड़ीसा हाईकोर्ट ने फर्जी मेडिकल प्रैक्टिशनर की पहचान के लिए सर्वेक्षण का आदेश दिया

Update: 2022-12-24 04:48 GMT

उड़ीसा हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार को यह पता लगाने के लिए सर्वेक्षण करने का आदेश दिया कि मेडिकल पेशे की ट्रैनिंग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के पास वैध योग्यता है या नहीं। यह आदेश विश्व बैंक द्वारा किए गए चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन के परिणामस्वरूप आया, जिसने अपने सर्वेक्षण में पाया कि सभी डॉक्टरों में से केवल 51% ही प्रैक्टिस करने योग्य हैं।

चीफ जस्टिस डॉ. एस. मुरलीधर और जस्टिस डॉ. संजीब कुमार पाणिग्रही की खंडपीठ ने आदेश दिया,

"सरकार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को व्यापक योजना के साथ आने के लिए निर्देश जारी किया गया, जिसके तहत यह पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया जाएगा कि ओडिशा में कार्यरत प्रत्येक एलोपैथिक डॉक्टर के पास उचित और प्रासंगिक योग्यता है। इस तरह का सर्वेक्षण समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए और अधिमानतः छह महीने की अवधि के भीतर निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए।"

कोर्ट ने शुरुआत में सरकार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के उप सचिव द्वारा 18.10.2022 को दायर हलफनामे पर विचार किया। कमिटी ने कहा कि हलफनामे में उचित डिग्री सर्टिफिकेट के बिना डॉक्टर की नियुक्ति के एकमात्र मामले में की गई कार्रवाई शामिल है। हालांकि, यह पाया गया कि उन मामलों में अनुशासनात्मक जांच अभी पूरी नहीं हुई। इसलिए इसने अधिकारियों को तीन महीने की अवधि के भीतर उक्त जांच को समाप्त करने का निर्देश दिया।

इसके अलावा, याचिकाकर्ता के वकील ने न्यायालय के सामने विश्व बैंक द्वारा किए गए सर्वेक्षण द्वारा चौंकाने वाला खुलासा किया, जिसमें पाया गया कि केवल 51% डॉक्टरों के पास मेडिकल पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए वैध योग्यता है।

इस प्रकार, खंडपीठ ने कहा कि मामले में की गई कार्रवाई को पर्याप्त नहीं माना जा सकता। तदनुसार, अतिरिक्त निर्देश दिया कि ओडिशा सरकार के मुख्य सचिव, एचएंडएफडब्ल्यू विभाग एलोपैथिक की प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की वैध योग्यता का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण करेगा।

कोर्ट ने सरकार को 20 जनवरी, 2023 तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें सत्यापन के तौर-तरीकों को निर्धारित किया गया। साथ ही परिणामी कार्रवाई अगर कोई व्यक्ति उचित योग्यता के बिना अभ्यास करता पाया गया तो उसे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया।

मामला 27 जनवरी, 2023 को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

केस टाइटल: ओडिशा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बनाम ओडिशा राज्य व अन्य।

केस नंबर: डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 22970/2019

आदेश दिनांक: 21 दिसंबर, 2022

कोरम: चीफ जस्टिस डॉ. एस. मुरलीधर और जस्टिस डॉ. एस.के. पाणिग्रही।

याचिकाकर्ता के वकील: अनुपम दास

राज्य के वकील: ईश्वर मोहंती, अतिरिक्त सरकारी वकील

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