आरोपी से शादी करने का दावा करने वाले नाबालिग बलात्कार पीड़िता द्वारा दायर हलफनामे की प्रामाणिकता निर्धारित करने के लिए उड़ीसा हाईकोर्ट ने सीआईडी को जांच का आदेश दिया
उड़ीसा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सीआईडी-अपराध शाखा को एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता द्वारा दायर उस हलफनामे की प्रामाणिकता का निर्धारण करने के लिए जांच शुरू करने का आदेश दिया है, जिसमें नाबालिग ने जमानत देने के लिए आरोपी की पत्नी होने का दावा किया है। यह विवाद उस समय सामने आया जब संबंधित जांच अधिकारी (आईओ) ने अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की और दावा किया कि पीड़िता द्वारा हलफनामा दायर नहीं किया गया था।
इस मामले में, नाबालिग पीड़िता ने कथित तौर पर 6 अप्रैल, 2021 को एक नोटरीकृत हलफनामा दायर किया था, जिसमें उसने वर्ष 2019 में आरोपी से शादी करने संबंधी विवरण दिया था और हलफनामे के साथ शादी की तस्वीरें भी लगाई गई थी। कोर्ट ने 27 अप्रैल, 2021 को दिए गए एक आदेश के तहत संबंधित आईओ को हलफनामे की सामग्री की जांच के बाद एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
मामले पर संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति एस के साहू ने आदेश दिया कि,
''ऐसी स्थिति में, यह न्यायालय उचित समझता है कि इस मामले की सीआईडी, अपराध शाखा, ओडिशा द्वारा जांच की जानी चाहिए जो कि राज्य की एक प्रमुख जांच एजेंसी है कि क्या उक्त अनीता बेहरा (नाइक) ने नोटरी, कटक टाउन के समक्ष 06.04.2021 को शपथ पत्र में शपथ ली है या नहीं क्योंकि उसकी पहचान श्री बी.एन. महापात्र द्वारा की गई है? वहीं हलफनामे के साथ-साथ वकालतनामा पर दिखाई देने वाले अनीता बेहरा के हस्ताक्षर भी वास्तविक हैं या नहीं और क्या हलफनामे के साथ प्रस्तुत शादी की तस्वीरें याचिकाकर्ता और पीड़िता की हैं या नहीं?''
आईओ की रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता आरोपी के साथ अपने घर से भाग गई थी और देवगढ़ जिले के गोहिदा स्थित उसके घर में रहती थी। इसके अलावा, दोनों के बीच कोई शादी नहीं हुई थी क्योंकि पीड़िता नाबालिग है। तत्काल मामला दर्ज होने के बाद नाबालिग पीड़िता को वहां से बचा लिया गया और उसके माता-पिता को सौंप दिया गया। तब से वह अपने माता-पिता के घर रह रही है। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि यह पूछे जाने पर कि क्या उसने अदालत के समक्ष दायर किए गए हलफनामे पर हस्ताक्षर किए हैं,तो उसने इस तरह के हस्ताक्षर करने से इनकार किया है।
अदालत ने इस प्रकार आदेश दिया कि पुलिस अधीक्षक, सीआईडी द्वारा अपराध शाखा के एक जिम्मेदार अधिकारी को जांच का काम सौंपा जाए ताकि यह अधिकारी पीड़िता, कटक के संबंधित नोटरी और आक्षेपित हलफनामे का सत्यापन करने वकील से पूछताछ करके मामले में आगे की जांच कर सके। इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट 30 जुलाई 2021 तक न्यायालय के रजिस्ट्रार के समक्ष दायर करने का निर्देश दिया गया है।
आदेश में कहा गया है कि,
''रजिस्ट्रार (न्यायिक) श्रीमती अनीता बेहरा (नाइक) द्वारा दिए गए शपथ पत्र के साथ संलग्न तस्वीरों और दस्तावेजों और पीड़िता द्वारा दायर वकालतनामा की एक जेरॉक्स प्रति कल (15.07.2021) तक राज्य की तरफ से पेश वकील श्री अभिनंदन प्रधान को उपलब्ध करा दी जाए ताकि वह आवश्यक कदम उठा पाएं।''
मामले को आगे की सुनवाई के लिए 3 अगस्त को सूचीबद्ध किया गया है। उस संबंधित अधिकारी को सुनवाई की अगली तारीख पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया है,जिसे मामले की जांच सौंपी जाएगी।
केस का शीर्षकः खागा नाइक बनाम ओडिशा राज्य
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