'हर गुजरते दिन खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ एवं मप्र राज्य न्यायिक अकादमी जबलपुर के संरक्षक ने शून्य से पांच वर्ष के अनुभव वाले वकीलों के लिए क्षमता निर्माण विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम (Capacity Building Special Training Programme for Advocates) का शुभारंभ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में किया।
उद्घाटन के अवसर पर जस्टिस रोहित आर्य, प्रशासनिक न्यायाधीश, जस्टिस आनंद पाठक, सदस्य शासी परिषद, MPSJA और मप्र हाईकोर्ट, ग्वालियर खंडपीठ के न्यायाधीश उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश मलिमठ ने वकीलों के लिए प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि "पीठ का मानक बार के मानक पर निर्भर करता है क्योंकि जब तक नींव मजबूत नहीं होगी तब तक आप उस पर एक टावर नहीं बना सकते।"
राज्य के हर कोने में प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए मुख्य न्यायाधीश के निर्देश के अनुसार, वकीलों के लिए अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण तीन खंडों में तैयार किया गया; जिला स्तर पर वकीलों के लिए फाउंडेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम, जिलों के समूहों को टारगेट वकीलों के लिए क्षेत्रीय कार्यशाला और हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों पर ध्यान केंद्रित करने वाले वकीलों के लिए विशेष कार्यशाला।
अब तक मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर नए वकीलों के लिए ऐसे 10 कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं और यह इस सीरीज़ का 11वां कार्यक्रम था। जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 124 वकीलों ने कार्यक्रम में भाग लिया, जिससे इन कार्यक्रमों के लाभार्थियों की कुल संख्या 3800 से अधिक हो गई।
प्रशिक्षण सत्र की अध्यक्षता जस्टिस रोहित आर्य ने की और संचालन सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश अवधेश श्रीवास्तव और एडवोकेट विजय दत्त शर्मा ने किया।
कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान मप्र राज्य न्यायिक अकादमी के निदेशक कृष्णमूर्ति मिश्रा ने स्वागत भाषण में प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना एवं कार्यप्रणाली की संक्षिप्त जानकारी दी।
उदघाटन कार्यक्रम में मप्र एवं एमपीएसजेए के रजिस्ट्री हाईकोर्ट के पदाधिकारी, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्य भी उपस्थित थे।