ओलंपियन मयूखा जॉनी ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की, केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

Update: 2021-11-11 08:27 GMT

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को ओलंपियन मयूखा जॉनी की उस याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा, जिसमें कथित तौर पर बलात्कार के झूठे आरोप लगाने के लिए उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी।

न्यायमूर्ति के हरिपाल ने लोक अभियोजक को याचिका में निर्देश लेने का निर्देश दिया और मामले को 6 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि एक व्यक्ति द्वारा बलात्कार के शिकार एक दोस्त से समर्थन वापस लेने के लिए उस पर दबाव बनाने के लिए मामला दर्ज किया गया था, जिसने उसकी नग्न तस्वीरें भी लीं और उसका इस्तेमाल उसे ब्लैकमेल करने के लिए किया।

अधिवक्ता पी.ए. याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अयूब खान ने दलील दी कि प्राथमिकी में मुख्य आरोपी में से एक के खिलाफ मामला रद्द कर दिया गया था और इसलिए उसे भी वही राहत दी जा सकती है।

बलात्कार के मामले में आरोपी को उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था, लेकिन बाद में उसे एक अपील में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की गई थी।

एक शिकायत के आधार पर एक निचली अदालत के निर्देश पर पुलिस ने आरोपित प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कथित तौर पर किए गए बलात्कार और धमकी के दावे झूठे थे। शिकायत में दावा किया गया कि ओलंपियन द्वारा उसे संबोधित किए जाने वाले धमकी भरे पत्र मनगढ़ंत है।

याचिकाकर्ता ने जुलाई में प्रेस कांफ्रेंस कर मामले में जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुर्खियां बटोरी थीं।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसके दोस्त को धमकाया जा रहा है और आरोपी के पक्ष में अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्तियों के हस्तक्षेप के कारण जांच ठप हो गई है।

केस का शीर्षक: मयूखा जॉनी बनाम केरल राज्य

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