"वह पाकिस्तानी झंडा नहीं था," मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी झंडा फहराने के आरोपी व्यक्तियों को जमानत दी, देश के प्रति उनकी भावनाओं की सराहना की

Update: 2020-10-10 04:30 GMT

Madhya Pradesh High Court

हाल ही में, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने चाचा और भतीजे को घर पर पाकिस्तानी झंडा फहराने के आरोप में जमानत दी।

उन्हें अपराध संख्या 525/2020 के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिसे औद्योगिक क्षेत्र, देवास में धारा 153A (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, और सद्भाव के खिलाफ कार्य करना) आईपीसी के तहत पंजीकृत किया गया था।

ज‌स्टिस वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ सीआरपीसी की धारा 439 के तहत दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं, चाचा-भतीजे के खिलाफ आरोप यह था कि उन्होंने अपने घर पर पाकिस्तानी झंडा फहराया था।

दलील दी गई कि याचिकाकर्ताओं द्वारा फहराया गया झंडा वास्तव में धार्मिक झंडा था, जिसे आमतौर पर मोहर्रम जैसे धार्मिक अवसरों पर फहराया जाता है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी राष्ट्रीय झंडे और याचिकाकर्ता द्वारा फहराए गए झंडे के रंगों में काफी भिन्न हैं। दोनों झंडों में चांद और तारों की स्थिति भी अलग-अलग है।

कोर्ट का फैसला

याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोपों और झंडों के अवलोकन के बाद अदालत ने आवेदन को अनुमति दी। अदालत ने राज्य की आपत्ति को कि याचिकाकर्ता नंबर 1 फारुख के खिलाफ एक मामला दर्ज है और याचिकाकर्ता नंबर 2 अमन के खिलाफ तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं, को खारिज करते हुए आवेदन की अनुमति दी।

कोर्ट ने याचिका को अनुमति इसलिए दी क्योंकि याचिकाकर्ता द्वारा संतोषजनक स्पष्टीकरण दिया गया था कि अमन के खिलाफ दर्ज तीन मामलों में से एक मामला एक दुर्घटना का था और उसके चाचा के साथ दर्ज अन्य दो मामले परिवार के भीतर संपत्ति विवाद के थे।

अदालत ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता फारुख खान पुत्र इदु खान मंसूरी और अमन पुत्र फकरू खान मंसूरी को तीस-तीस हजार रुपए के निजी मुचलके पर रिहा किया जाए, साथ में ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपनी उपस्थिति सुन‌िश्‍चित करने के लिए ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के लिए एक सॉल्वेंट स्योरिटी आवश्यक है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने वादा किया है कि उन्हें अपने घर पर शुभ अवसरों पर भारतीय झंडा फहराने पर गर्व होगा।

इस पर कोर्ट ने कहा, "यह अदालत मातृभूमि के प्रति याचिकाकर्ताओं की भावनाओं और आग्रह की सराहना करती है।"

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