कोई भी कानून दोषी को अभिनय करने से नहीं रोकता : कर्नाटक हाईकोर्ट ने संजय दत्त को 'केजीएफ-2' में अभिनय से रोकने संबंधी याचिका खारिज की

कर्नाटक हाईकोर्ट का कहना है कि मुंबई बम धमाकों में दोषी ठहराये गये संजय दत्त को कोई भी कानून ‘केजीएफ - 2’ में अभिनय करने से नहीं रोकता।

Update: 2020-08-17 15:14 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को कन्नड़ फिल्म केजीएफ-2 में अभिनय से रोकने संबंधी याचिका खारिज कर दी। मुंबई बम धमाकों में दाषी ठहराये जाने और सजा भुगतने को आधार बनाकर संजय दत्त को इस फिल्म में अभिनय करने से रोकने का न्यायालय से अनुरोध किया गया था।

मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति अशोक एस किनागी की खंडपीठ ने जी. शिवशंकर की याचिका खारिज करते हुए कहा,

"कौन सा कानून किसी अपराध के तहत दोषी ठहराये गये और सजा काट चुके व्यक्ति को फिल्म में अभिनय करने से रोकता है?"

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता रूदा वीरशेट्टी ने दलील दी, "कर्नाटक की जनता कन्नड़ फिल्म में उनके (संजय दत्त के) अभिनय के पूरी तरह खिलाफ है।"

इस पर बेंच ने कहा,

"आपको पूरे कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार किसने दे दिया? जनता सेंसरशिप नहीं लगा सकती।"

बेंच ने अपने आदेश में कहा,

"याचिकाकर्ता ने कानून का कोई ऐसा प्रावधान नहीं दिखाया जिसके तहत प्रतिवादी संख्या तीन (संजय दत्त) को फिल्मों में अभिनय से अयोग्य ठहराया दिया जाये। इसी प्रकार याचिकाकर्ता ने कानून का कोई ऐसा प्रावधान नहीं दिखाया जिसके तहत प्रतिवादी संख्या दो (होम्बाले फिल्म्स) को इस बात से रोका जा सके कि वह इस फिल्म में प्रतिवादी संख्या तीन (संजय दत्त) को अभिनय करने की अनुमति न दे।

याचिकाकर्ता इस मामले में अवैधानिकता साबित नहीं कर पाया है, ऐसे में याचिका में कोई मेरिट नजर नहीं आता और तदनुसार याचिका खारिज की जाती है।"

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