सरकारी आश्रय गृह में नाबालिग लड़की ने कथित तौर पर की आत्महत्या: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर विवरण मांगा

Update: 2021-08-14 10:15 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से 17 वर्षीय नाबालिग की मौत का विवरण मांगा, वह प्रयागराज जिले के नारी निकेतन में रहती थी, जो कि महिलाओं के लिए एक सरकारी आश्रय गृह (Government Shelter home) है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार-चतुर्थ की पीठ इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली एक पत्र याचिका पर विचार कर रही थी और इसे अब एक जनहित याचिक के रूप में दर्ज किया गया है।

स्वदेश एंड प्रयाग लीगल एड क्लिनिक सोसाइटी एंड चार अन्य द्वारा एडवोकेट गौरव के माध्यम से दायर की गई पत्र याचिका ने अदालत के ध्यान में नाबालिग लड़की की कथित कस्टडी में मौत को लाया गया।

नारी निकेतन ने दावा किया है कि लड़की ने 7 अगस्त 2021 को नारी निकेतन में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

पीठ ने याचिकाकर्ता को सरकारी अधिवक्ता को पत्र याचिका की एक प्रति प्रदान करने का भी निर्देश दिया है और इस बीच अधिकारियों को मामले में निर्देश लेने का निर्देश दिया गया है।

पत्र याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2017 में मृतक लड़की घर छोड़कर दूसरी जाति के लड़के के साथ भाग गई थी।

इसके बाद उसके पिता ने उक्त घटना के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की, जिसके अनुसरण में पुलिस ने उसे पकड़ा और संबंधित मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां मृत लड़की ने लड़के के साथ रहने की इच्छा दिखाई (जिसके साथ वह भाग गई) थी।

हालांकि, लड़की की उम्र को देखते हुए मजिस्ट्रेट ने उसे शेल्टर होम (नारी निकेतन) भेज दिया था।

याचिका में आगे कहा गया है कि जिला परिवीक्षा अधिकारी उपयुक्त प्राधिकारी है जो डीएम, प्रयागराज की देखरेख में काम कर रहे शेल्टर होम (नारी निकेतन) की व्यवस्थाओं और प्रतिभूतियों के लिए जिम्मेदार है।

यह भी कहा गया है कि शेल्टर होम (नारी निकेतन) में एक पूर्णकालिक महिला पुलिस अधिकारी को कानून व्यवस्था बनाए रखने और शेल्टर होम (नारी निकेतन) में रहने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए और सीसीटीवी कैमरों के लगाए गए हैं और शेल्टर होम के परिसर में भी स्थापित किया गया है और फिर भी यह घटना हुई और इसलिए, याचिका में जांच की मांग की गई है।

अब इस मामले की सुनवाई 3 सितंबर को होगी।

केस का शीर्षक - स्वदेश एंड प्रयाग लीगल एड क्लिनिक एंड चार अन्य बनाम स्टेट ऑफ यू.पी. एंड छह अन्य

आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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