डॉक्टरों के साक्ष्य रिकॉर्ड करने के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने एससी की ई कोर्ट परियोजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पॉइंट का लोकार्पण किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मलिमठ ने इंदौर जिला एवं सत्र न्यायालय इंदौर ,महात्मा गांधी स्मृति मेडिकल कॉलेज एवं फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग इंदौर के सहयोग से भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरंभ किये गए ई -कोर्ट्स प्रोजेक्ट अंतर्गत रविवार को मध्य प्रदेश के डॉक्टरों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साक्ष्य रिकॉर्ड कराए जाने हेतु वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग डिस्टेंस पॉइंट का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश जस्टिस शील नागू जस्टिस सुजय पॉल ,मध्य प्रदेश हाईकोर्ट खंडपीठ इंदौर के प्रशासनिक न्यायाधिपति जस्टिस विवेक रूसिया सहित इंदौर बेंच के समस्त न्यायाधीशों के साथ साथ जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबोध जैन ,प्रोफैसर संजय दीक्षित एमजीएम मेडिकल कॉलेज अध्यक्ष एवं डॉक्टर पीएस ठाकुर विभागाध्यक्ष फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग इन्दौर भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री सुबोध जैन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मुख्य न्यायाधीश एवं उपस्थित सम्माननीय न्यायाधीशों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इस पहल से प्रदेश के डॉक्टरों को विभिन्न ज़िलों तक की यात्रा करने में लगने वाला समय और उनकी शक्ति और श्रम बचेगा और वे अपने समय का उपयोग मरीज़ों के उपचार के प्राथमिक कर्तव्य मे कर सकेंगे।
ज़िला न्यायाधीश एवं जिला एवं सत्र न्यायालय इंदौर के कंप्यूटर अनुभाग के प्रभारी श्री गंगा चरण दुबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग डिसटेनस पॉइंट के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए जानकारी दी कि माननीय मुख्य न्यायाधीश मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की पहल पर ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के अंतर्गत जेलों पुलिस स्टेशनों के इन्टिग्रेशन के बाद समस्त चिकित्सालयों को न्यायालयों से संबंधित किये जाने का कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने आगे बताया कि इसी अनुक्रम में मध्य प्रदेश राज्य में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग डिस्टेंस प्वाइंट को मान्यता प्रदान कर माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा लोकार्पित किया गया है, जिससे ऐसे मेडिको लीगल मामले जिनमें मरीज़ों का मेडिकल टेस्ट इन्दौर के चिकित्सालयों में हुआ या मृत्यु उपरांत शव परीक्षण प्रतिवेदन इन्दौर चिकित्सालय में किसी चिकित्सक द्वारा किया गया है तथा इस संबंध में डॉक्टर की चिकित्सीय साक्ष्य की आवश्यकता हो तो राज्य के किसी भी न्यायालय में चल रहे आपराधिक प्रकरण में संबंधित चिकित्सक को साक्ष्य देने के लिए न्यायालय तक यात्रा कर नहीं जाना होगा बल्कि उद्घाटित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पॉइंट से ही वे अपना न्यायालयीन साक्ष्य रिकॉर्ड करा सकेंगे।
इस सुविधा से चिकित्सकों के साक्ष्य आभाव से लंबित प्रकरण समाप्त होकर शीघ्र विचारण सुनिश्चित होगा तथा चिकित्सक,मरीज़ तथा समाज लाभान्वित होगा।
इस अवसर पर श्री राम कुमार चौबे रजिस्ट्रार जनरल मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, श्री अभिषेक गोड ओएसडी मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ,ज़िले के समस्त न्यायधीश तथा डॉक्टर बड़ी संख्या में उपस्थित रहे ।