मद्रास हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कमी करने को लेकर दायर याचिका ख़ारिज की कहा, यह सरकारी नीति का हिस्सा
मद्रास हाईकोर्ट ने गत सप्ताह लॉकडाउन अवधि के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने को लेकर दायर याचिका को यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया कि यह सरकार की नीति से संबंधित है।
न्यायमूर्ति एम सत्यनारायणन और न्यायमूर्ति एम निर्मल कुमार की पीठ ने के अम्सा कन्नन कि जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फ़ैसला दिया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि लॉकडाउन के कारण कई सरकारी कर्मचारी अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं और अगर इस अवधि के लिए उनको पूरा वेतन दिया जाता है तो इससे सरकार को भारी घाटा होगा। इस तरह उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि वह तमिलनाडु राज्य सरकार से ऐसे कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने का आदेश देंं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे राज्य पहले ही सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती की घोषणा कर चुके हैं।
पीठ ने इस पर कहा -
"अदालत की राय में जिस बात का आग्रह याचिका में किया गया है उस पर अदालत ग़ौर नहीं कर सकती क्योंकि नीतिगत निर्णय राज्य सरकार को करना है और यह अदालत वेतन में कटौती के बारे में किसी तरह का सकारात्मक निर्देश नहीं दे सकती।"
इस मामले में याचिकाकर्ता की पैरवी एडवोकेट एं महेंद्र बाबू ने की जबकि राज्य की पैरवी वी जयप्रकाश ने की।