मद्रास हाईकोर्ट ने TANGEDCO कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोका, कहा- आवश्यक सेवाएं प्रभावित होंगी
मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (TANGEDCO) के कर्मचारियों को 10 जनवरी या भविष्य की किसी तारीख को हड़ताल पर जाने से अस्थायी रूप से रोक दिया है।
जे एलुमलाई की ओर से दायर याचिका की अनुमति देते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस टी राजा और जस्टिस भरत चक्रवर्ती की पीठ ने कहा कि चूंकि बिजली एक आवश्यक सेवा है, अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं, तो यह बड़े पैमाने पर जनता को प्रभावित करेगा। इस प्रकार, अदालत ने कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोक दिया।
अदालत ने याचिकाकर्ताओं से सहमति जताते हुए कहा कि डॉक्टर हड़ताल करेंगे तो अस्पताल ठप हो जाएंगे। इसी तरह बिजली विभाग के कर्मचारी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अगर वे हड़ताल पर जाते हैं तो पूरा इलाका प्रभावित होगा। अस्पताल, स्कूल आदि जो आवश्यक हैं वे काम नहीं कर पाएंगे और ठप हो जाएंगे।
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि कानून की स्थापित स्थिति के अनुसार, एक सरकारी कर्मचारी को हड़ताल पर जाने का कानूनी या वैधानिक अधिकार नहीं है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने कहा कि बिजली पर बढ़ती निर्भरता के साथ, कर्मचारियों की हड़ताल से समाज प्रभावित होगा।
याचिकाकर्ता के अनुसार, सामाजिक आर्थिक अधिकारों को प्राप्त करने और सतत विकास के साथ संवैधानिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बिजली आपूर्ति एक महत्वपूर्ण कारक है। याचिकाकर्ता ने बिजली विभाग के सामने आ रही आर्थिक तंगी की ओर भी अदालत का ध्यान आकर्षित किया। इस प्रकार, यह निवेदन किया गया कि कर्मचारी और यूनियन स्थिति को देखें और बड़े पैमाने पर जनता के बारे में सोचें।
आधिकारिक प्रतिवादियों ने यह भी कहा कि हड़ताल औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 22(1)(डी) के अनुसार अवैध है। ऐसी परिस्थितियों में, आधिकारिक प्रतिवादियों ने भी हड़ताल पर अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग की।
अदालत ने इन प्रस्तुतियों से सहमति व्यक्त की और पाया कि एक अंतरिम निषेधाज्ञा न्यायसंगत होगी।
केस टाइटल: ए सरवनन बनाम तमिलनाडु राज्य और अन्य
साइटेशन: 2023 लाइव लॉ 11
केस नंबर : डब्ल्यूपी 646 ऑफ 2023