धोनी द्वारा दायर 100 करोड़ के मानहानि मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
मद्रास हाईकोर्ट ने रिटायर IPS अधिकारी जी. संपत कुमार द्वारा दायर अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। यह अपील क्रिकेटर एम.एस. धोनी द्वारा दायर 100 करोड़ के मानहानि मुकदमे को खारिज करने से इनकार करने वाले सिंगल जज के आदेश के विरुद्ध दायर की गई है।
यह मानहानि मुकदमा धोनी ने 2013 के IPL सट्टेबाजी घोटाले के संबंध में IPS अधिकारी और अन्य लोगों द्वारा कथित रूप से मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने के आरोप में दायर किया था।
पृष्ठभूमि और कानूनी लड़ाई
जस्टिस एस.एम. सुब्रमण्यम और जस्टिस एम. जोथिरमन की खंडपीठ ने रिटायर अधिकारी और क्रिकेटर के वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।
धोनी ने यह मानहानि का मुकदमा 2014 में ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन, ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी, IPS अधिकारी जी. संपत कुमार और न्यूज़ नेशन नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दायर किया था और ₹100 करोड़ के हर्जाने की मांग की थी।
दिसंबर, 2021 में एकल जज ने कुमार की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसे मुकदमे की शुरुआत से ठीक पहले विलंब करने के उद्देश्य से दायर किया गया।
IPS अधिकारी कुमार ने तर्क दिया कि वह एक ईमानदार पुलिस अधिकारी हैं और उन्होंने केवल अपना कर्तव्य निभाया है। उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय कार्यवाही में उन्हें पहले ही दोषमुक्त कर दिया गया और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप प्रेरित हैं।
सिंगल जज ने तब टिप्पणी की कि यह दलीलें ट्रायल के दौरान बचाव के रूप में ली जा सकती हैं, न कि वाद को खारिज करने का आधार हो सकती हैं।
अगस्त, 2025 में मद्रास हाईकोर्ट ने मानहानि मामले में ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया और धोनी का साक्ष्य दर्ज करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर भी नियुक्त किया। अब खंडपीठ ने इस अपील पर सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रख लिया।