बोनी कपूर, जाह्नवी और ख़ुशी कपूर को दिए गए 1 करोड़ मुआवज़े की शिकायत पर जांच का आदेश
मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य राजमार्ग विभाग को प्रतिनिधित्व पर विचार करने का निर्देश दिया, जिसमें भूमि अधिग्रहण के मुआवज़े के रूप में फ़िल्म निर्माता बोनी कपूर और उनकी बेटियों जाह्नवी कपूर और ख़ुशी कपूर को वितरित 1,00,87,183 की राशि की जांच की मांग की गई।
जस्टिस कृष्णन रामासामी ने प्राधिकरण को प्रतिनिधित्व पर विचार करने और चार सप्ताह के भीतर उसका निपटारा करने का निर्देश दिया।
यह याचिका चेन्नई की निवासी शिवकामी द्वारा दायर की गई, जिन्होंने दावा किया कि राज्य राजमार्ग विभाग ने तिकड़ी को अवैध रूप से मुआवज़े की राशि वितरित कर दी, जबकि उनके पास उस क्षेत्र में कोई संपत्ति नहीं थी। शिवकामी ने बताया कि राज्य राजमार्ग प्राधिकरण ने तिरुवनमियूर से अक्करई तक सड़क चौड़ीकरण के लिए ईस्ट कोस्ट रोड पर भूमि का अधिग्रहण किया। उनका दावा है कि संपत्ति मालिकों के विवरण के आधार पर मुआवज़ा तय किया गया और प्रारंभिक पूछताछ तथा उचित सावधानी के बाद राशि वितरित की गई।
याचिकाकर्ता शिवकामी ने दावा किया कि उनके दादा ने 1943 में 266 एकड़ ज़मीन खरीदी थी। बाद में 1988 में उनके दादा की सबसे बड़ी बेटी के कानूनी वारिसों ने उनके पास केवल 0.28 एकड़ ज़मीन होने के बावजूद 4 धोखाधड़ी वाले सेल डीड के माध्यम से 4.18 एकड़ ज़मीन एक्ट्रेस श्रीदेवी उनकी बहन और उनकी माँ को बेच दी। याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि श्रीदेवी ने इस भूमि के लिए पट्टा प्राप्त करने का प्रयास किया लेकिन 2023 तक इसे प्राप्त नहीं कर सकीं।
याचिका में आरोप लगाया गया कि सरकारी अधिकारियों ने सभी तथ्यों से अवगत होने के बावजूद, अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग किया, जिससे राज्य के खजाने को गलत नुकसान हुआ और प्रतिवादियों को अनुचित लाभ मिला, जो वास्तव में उस संपत्ति के मुआवज़े के लिए पात्र नहीं थे।
यह बताते हुए कि उन्होंने विभाग को प्रतिनिधित्व भेजा था लेकिन कोई जांच नहीं की गई याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया। न्यायालय ने अब विभाग को उनके प्रतिनिधित्व पर विचार करने और जांच करने के बाद चार सप्ताह के भीतर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया।