मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने आश्वासन दिया कि बीआर अंबेडकर की तस्वीरें अदालतों से नहीं हटाई जाएंगी: तमिलनाडु सरकार

Update: 2023-07-25 07:08 GMT

राज्य सरकार ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एसवी गंगापुरवाला ने तमिलनाडु के कानून मंत्री एस रघुपति को आश्वासन दिया कि बीआर अंबेडकर के चित्रों के संबंध में अदालत परिसर में यथास्थिति बनाए रखी जाएगी।

7 जुलाई को जारी सर्कुलर में मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल (प्रभारी) ने जिला न्यायपालिका को सूचित किया कि मद्रास हाईकोर्ट के फुल कोर्ट के प्रस्ताव के अनुसार, अब से महात्मा गांधी और संत तिरुवल्लुवर की प्रतिमाओं और चित्रों को छोड़कर अदालत परिसर के अंदर कहीं भी कोई अन्य चित्र और चित्र प्रदर्शित नहीं किए जाएंगे।

इस सर्कुलर की देशभर में आलोचना हुई और लोगों ने भारतीय संविधान के जनक बीआर अंबेडकर की तस्वीरें हटाने को निराशाजनक और शर्मनाक बताया। मद्रास हाईकोर्ट के वकीलों ने भी सर्कुलर का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की।

सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, राज्य के कानून मंत्री ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के निर्देश पर चीफ जस्टिस से मुलाकात की और सरकार के रुख से अवगत कराया कि राज्य में कोर्ट रूम्स से डॉ. अंबेडकर के चित्रों को नहीं हटाया जाएगा। तब चीफ जस्टिस ने कथित तौर पर कानून मंत्री को आश्वासन दिया कि चित्रों को हटाने का ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया।

प्रेस रिलीज में आगे कहा गया कि चीफ जस्टिस के आश्वासन से विभिन्न एडवोकेट एसोसिएशन को अवगत करा दिया गया।

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