मद्रास हाईकोर्ट ने पहली बार एक महिला चोबदार/गदा वाहक (Mace Bearer)की नियुक्त की है।
जस्टिस आरएन मंजुला की अदालत पहली महिला चोबदार की सेवाओं का उपयोग करने वाली पहली जज हैं। जस्टिस आरएन मंजुला लैंगिक संवेदीकरण और आंतरिक शिकायत समिति- I (GSICC-I) की सदस्य भी हैं।
चोबदार पारंपरिक रूप से पुरुषों का पद माना जाता है, जो जो गदा उठाता है और गणमान्य व्यक्ति की शक्ति को दर्शाने वाले गणमान्य व्यक्ति के सामने चलता है। अदालतों में गदा अदालत के हॉल के बीच न्यायाधीशों के मुक्त मार्ग में मदद करती है।
गदा वाहक/चोबदारों की नियुक्ति हाईकोर्ट द्वारा सीधी भर्ती के माध्यम से की जाती है। मद्रास हाईकोर्ट ने 2021 में अन्य के अलावा चोबदारों के पद पर 40 रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे थे। उम्मीदवारों को 15,700-50000 रुपये के बैंड में वेतन स्तर- I की पेशकश की जाती है। नियुक्ति एक सामान्य लिखित परीक्षा, एक व्यावहारिक परीक्षा और एक मौखिक परीक्षा के बाद की जाती है।