मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गर्भवती पत्नी की देखभाल करने के लिए हत्या के आरोपी को अस्थायी जमानत दी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में हत्या के आरोपी को 90 दिनों के लिए अस्थायी जमानत दी ताकि वह अपनी गर्भवती पत्नी की देखभाल कर सके। आरोपी की पत्नी की डिलीवरी एक सप्ताह में होने वाली है।
जस्टिस संजय द्विवेदी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 307, 294, 506, 147, 148, 149, 323, 324 और 34 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आवेदक आरोपी द्वारा दायर सीआरपीसी की धारा 439 के तहत जमानत याचिका पर विचार कर रहे थे।
आवेदक इस आधार पर अस्थायी जमानत की मांग कर रहा था कि उसकी पत्नी गर्भवती है और उसकी डिलीवरी की तारीख एक सप्ताह में आने की उम्मीद है। जैसा कि प्रस्तुत किया गया कि डॉक्टर की सलाह के अनुसार, उसे अस्पताल में भर्ती किया जाना है।
आरोपी ने आगे कहा कि उसे सर्जरी करानी होगी और उसे ठीक होने में कुछ समय लगेगा। तदनुसार, उसने अपनी पत्नी की देखभाल के लिए तीन महीने की अस्थायी जमानत की प्रार्थना की, क्योंकि परिवार में उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।
आवेदक की दलीलों पर विचार करते हुए कोर्ट ने कहा,
राज्य की ओर से उपस्थित होने वाले सक्सेना को उक्त तथ्य को सत्यापित करने और सुनिश्चित करने के लिए समय दिया गया है। उनके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान आवेदक की पत्नी गर्भवती है और उसे अस्पताल में भर्ती किया जाना है। मामले के मौजूदा तथ्यों और परिस्थितियों को देखने पर यह न्यायालय आवेदक की जमानत अर्जी पर 90 दिनों की अवधि के लिए विचार करना उचित समझता है।
उपरोक्त टिप्पणियों के साथ अदालत ने आवेदक को अस्थायी जमानत दी और तदनुसार, आवेदन की अनुमति दी गई।
केस शीर्षक: रवीश सूद उर्फ अमन बनाम मध्य प्रदेश राज्य
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