वकीलों की वित्तीय सहायता के लिए जितनी जल्दी हो फंड जारी करें, मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य बार काउंसिल से कहा
मणिपुर हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ़ मणिपुर से कहा है कि वह COVID 19 महामारी के कारण संकट में फंसे एडवोकेटों को वित्तीय मदद देने के लिए ₹2,08,932 शीघ्र जारी करे।
न्यायमूर्ति लनुसुंग्कुम ज़मीर और न्यायमूर्ति केएच नोबिन सिंह की खंडपीठ ने ऑल मणिपुर बार एसोसिएशन और दो एडवोकेटों की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। इस याचिका में राज्य सरकार, बार काउंसिल ऑफ़ मणिपुर से संकट में फंसे एडवोकेटों की सहायता देने को कहा गया है।
राज्य अथॉरिटीज़ ने भी एक हलफ़नामा दायर किया और कहा कि बार काउंसिल ऑफ़ मणिपुर ने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया से संपर्क कर वित्तीय संकट में फंसे एडवोकेटों को मदद करने की अनुमति मांगी जिसने बार काउंसिल ऑफ़ मणिपुर को राज्य के लिए बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया में मौजूद फंड का 20% हिस्सा निकालने की इजाज़त दे दी थी।
हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है,
"बार काउंसिल ऑफ़ मणिपुर ने "बार काउंसिल ऑफ़ मणिपुर COVID 19 वित्तीय मदद योजना" बनाई है ताकि ज़रूरतमंद वकीलों को मदद की जा सके। 1 मई को यह प्रस्ताव भी पास किया गया कि वह ₹2,08,932 की राशि जारी करेगा जिसकी अनुमति बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने दी है।"
उपरोक्त को देखते हुए अदालत ने मणिपुर बार काउंसिल को यह राशि शीघ्र जारी करने का आदेश दिया।
अदालत ने कहा कि राज्य सरकार से वित्तीय मदद प्राप्त करने के लिए उसको प्रस्ताव अपनी सुविधा के अनुसार इस आदेश के जारी होने के एक सप्ताह के भीतर बार काउंसिल ऑफ़ मणिपुर भेज सकता है और इसके बाद राज्य सरकार उस पर शीघ्र निर्णय ले सकती है।
कोरोना वायरस के कारण दो महीने पहले जब लॉकडाउन शुरू हुआ देश भर में अदालतों में कामकाज न्यूनतम हो रहा है। इसकी वजह से कई बार एसोसिएशन्स और बार काउंसिल्स ने वकीलों की आजीविका के छिन जाने की बात कही है। इस समस्या से निपटने के लिए कई हाईकोर्ट सामने आए और संकट में फँसे वकीलों को राहत पहुँचाने के लिए योजना तैयार की।