किशोर दत्ता ने 'निजी कारणों' का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता पद से इस्तीफा दिया

Update: 2021-09-14 08:55 GMT

पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अपने लगभग चार साल के लंबे कार्यकाल को समाप्त करते हुए व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर मंगलवार को अपना इस्तीफा दे दिया।

किशोर दत्ता को फरवरी 2017 में उनके पूर्ववर्ती बैरिस्टर जयंत मित्रा द्वारा 'सरकार के साथ मतभेदों' के कारण अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ने के बाद उन्हें महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को संबोधित एक पत्र में महाधिवक्ता ने लिखा,

"मैं व्यक्तिगत कारणों से तत्काल प्रभाव से पश्चिम बंगाल राज्य के महाधिवक्ता के रूप में इस्तीफा देता हूं। कृपया इसे स्वीकार करें। यह पश्चिम बंगाल राज्य के लिए काम करने का एक अद्भुत अनुभव था।"

इसकी एक प्रति पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और कानून एवं न्याय विभाग के प्रभारी मंत्री को भी भेजी गई।

हाल के दिनों में किशोर दत्ता पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में विभिन्न हाई प्रोफाइल मामलों में शामिल रहे हैं।

इन मामलों में चुनाव के बाद की हिंसा, नारद घोटाला आदि शामिल रहे हैं। नारदा घोटाले में तृणमूल कांग्रेस पार्टी के चार प्रमुख नेताओं को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

इसके अलावा टीएमसी विधायक मुकुल रॉय की पीएसी अध्यक्षता को लेकर भी चुनौती दी रही।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उल्लेख किया कि उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 165 के तहत किशोर दत्ता द्वारा दिया गया इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।

पत्र डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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