केरल हाईकोर्ट ने ओलंपियन मयूखा जॉनी की दोस्त के साथ बलात्कार मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया
केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को ओलंपियन मयूखा जॉनी की दोस्त के साथ बलात्कार करने और उसे ब्लैकमेल करने के लिए उसकी नग्न तस्वीरें खींचने के आरोपी सी.सी. जॉनसन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
जस्टिस शिरसी वी ने याचिका खारिज करते हुए आरोपी से कहा कि,
''आपको पुलिस के सामने सरेंडर करना होगा।''
अग्रिम जमानत याचिका एक ऐसे मामले के संबंध में दायर की गई थी जहां 2016 में ओलंपियन एथलीट की दोस्त के साथ कथित तौर पर बलात्कार और ब्लैकमेल किया गया था।
पीड़िता ने 20 मार्च 2021 को एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि सीसी जॉनसन, जो सम्राट इमैनुएल चर्च में सेवा करता है, ने 9 जुलाई 2016 को उसके घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
यह भी आरोप लगया कि आरोपी ने उसकी नग्न तस्वीरें और वीडियो प्रकाशित करने की धमकी दी और नियमित रूप से उसके फोन पर टेक्स्ट मैसेजस पर उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
पीड़िता जॉनी की दोस्त निकली। मामले में जांच एजेंसियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद एथलीट ने बाद में सुर्खियां बटोरीं। उसने आरोप लगाया कि उसके दोस्त को धमकाया जा रहा है और आरोपी के पक्ष में अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्तियों के हस्तक्षेप के कारण जांच ठप पड़ी है।
पिछले महीने कोर्ट ने पीड़िता की एसआईटी जांच की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले में जांच अधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी।
याचिकाकर्ता ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में प्रस्तुत किया कि कथित घटना के पांच साल बाद शिकायत दर्ज की गई और दावा किया कि यह सम्राट इमैनुएल चर्च के दो गुटों के बीच मतभेदों का परिणाम था। उन्होंने कहा कि चर्च छोड़ने के बाद पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी।
अभियोजन पक्ष ने इस आधार पर आवेदन का पुरजोर विरोध किया कि मामले में प्रगति के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है और उसका फोन अभी तक बरामद नहीं हुआ है।
इस मामले में अधिवक्ता पी. ए. अयूब खान शिकायतकर्ता की ओर से पेश हुए जबकि अधिवक्ता श्रुति एन भट याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुईं।
केस का शीर्षक: सीसी जॉनसन बनाम केरल राज्य