केन्द्रीय विद्यालय : एडमिशन के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष के खिलाफ माता-पिता ने हाईकोर्ट का रुख किया

Update: 2022-03-03 05:42 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर की गई। इस याचिका में केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश मानदंड को इस आधार पर चुनौती दी गई कि वह कक्षा एक में एक बच्चे के प्रवेश के लिए न्यूनतम छह वर्ष की आयु निर्धारित करता है।

याचिकाकर्ता पांच साल की छात्रा है। उसने अपने पिता विष्णु पीएस लंगावत के माध्यम से अदालत का दरवाजा खटखटाया।

पांच साल के बच्चे के पिता की ओर से दाखिले के मानदंड को चुनौती देने वाले एक एनजीओ सोशल ज्यूरिस्ट द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष भी इसी तरह की याचिका दायर की गई।

बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता के अनुसार, प्रवेश मानदंड मनमाना, भेदभावपूर्ण, अन्यायपूर्ण, अनुचित, उसकी शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है, जैसा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 21 ए के तहत गोवा स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1984 और बच्चों का मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में कहा गया है।

याचिकाकर्ता ने केवी संगठन और भारत संघ को प्रवेश सत्र 2022-23 के लिए प्रवेश मानदंड को फिर से तैयार करने का निर्देश दिए जाने की मांग की।

इसके अलावा, केवी संगठन के लिए निर्देश मांगे गए कि वह शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में कक्षा एक में प्रवेश के लिए याचिकाकर्ता को आवेदन करने की अनुमति दे।

याचिका में कहा गया कि केवी संगठन ने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए एक प्रवेश नोटिस जारी किया। इसमें शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में कक्षा-एक में प्रवेश के लिए 31.03.2022 को न्यूनतम आयु छह वर्ष निर्धारित की गई।

यह कहते हुए कि शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से पहले केवी में कक्षा-एक के लिए प्रवेश की न्यूनतम आयु 31 मार्च को पांच वर्ष थी, याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इस शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए प्रवेश मानदंड मनमाना, भेदभावपूर्ण, अन्यायपूर्ण, अनुचित, याचिकाकर्ता के शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।

31.03.2022 को पांच वर्ष से अधिक की होने वाली याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि वह केंद्रीय विद्यालय, बम्बोलिम कैंप में कक्षा-एक में प्रवेश के लिए आवेदन करने की इच्छुक है। हालांकि, वह उत्तरदाताओं द्वारा आयु मानदंड में परिवर्तन के कारण प्रवेश पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकी।

Tags:    

Similar News