कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नए वाहनों के लिए स्मार्ट कार्ड रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने के खिलाफ आदेश लागू करने से रोका

Update: 2021-12-09 08:11 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को 31 अक्टूबर के अपने सरकारी आदेश को लागू नहीं करने का निर्देश दिया। इस आदेश के द्वारा सरकार नए वाहनों के लिए स्मार्ट कार्ड रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करती है और निर्माताओं के डीलरों को इलेक्ट्रॉनिक/ऑनलाइन मोड के माध्यम से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने की अनुमति देता है।

मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की खंडपीठ ने कहा,

"याचिकाकर्ता के वकील द्वारा उठाया गया तर्क सही प्रतीत होता है, क्योंकि इस पर विचार करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार द्वारा तीन सप्ताह के भीतर आपत्तियों का बयान दर्ज किया जाए। इस बीच पहली बिक्री पर गैर-परिवहन वाहनों और पूरी तरह से निर्मित परिवहन वाहनों का रजिस्ट्रेशन दिनांक 31/10/2021 की आक्षेपित अधिसूचना जारी होने से पहले मौजूदा प्रणाली के अनुसार रजिस्टर्ड किया जाएगा।

याचिकाकर्ता ने स्मार्ट कार्ड आधारित रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने के लिए राज्य सरकार के साथ अनुबंध करने वाली रोसमेर्टा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की अधिसूचना को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया।

कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक हरनहल्ली ने कहा,

"सरकार और याचिकाकर्ता कंपनी के बीच समझौता वर्ष 2024 तक वैध है। इस नियम से अब मेरा अनुबंध उस अनुबंध को प्रभावित करता है जिसे मैंने दर्ज किया है।"

सरकारी वकील ने याचिका पर प्रारंभिक आपत्ति जताते हुए कहा,

"यदि अनुबंध नियमों का कोई उल्लंघन है तो समझौते में विवाद समाधान खंड है और याचिकाकर्ता को बनाए रखने योग्य नहीं है।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि कर्नाटक मोटर वाहन नियमों के नियम 33 में संशोधन के लिए मसौदा अधिसूचना 26 अक्टूबर को जारी की गई थी। आपत्तियां और सुझाव देने के लिए पांच दिन का समय दिया गया था। हालांकि, अंतिम अधिसूचना 31 अक्टूबर को जारी की गई। इसमें नियम 33 में संशोधन किया। इसके माध्यम से डीलरों को प्राधिकरण पंजीकृत करने की अनुमति मिली।

अदालत ने कहा,

"पाँच दिन कैसे पर्याप्त हैं?"

इसमें आगे कहा गया,

"आप इन डीलरों को याचिकाकर्ता और राज्य सरकार के बीच किए गए अनुबंध का पालन कर सकते हैं।"

इसके बाद अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर आपत्तियों का बयान दर्ज करने का निर्देश दिया। साथ ही मामले को आगे की सुनवाई के लिए 31 जनवरी, 2022 की तारीख तय की।

केस शीर्षक: रोसमेर्टा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड बनाम भारत संघ।

केस नंबर: डब्ल्यूपी 207362/2021

Tags:    

Similar News