कर्नाटक हाईकोर्ट ने कन्नड़ अभिनेता चेतन कुमार के खिलाफ कथित रूप से हिंदू भावनाओं को 'आहत' करने के लिए दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कन्नड़ अभिनेता चेतन कुमार के खिलाफ कथित रूप से हिंदू भावनाओं को 'आहत' करने के लिए आईपीसी की धारा 505(2) के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार किया।
जस्टिस एम आई अरुण ने कहा कि कुमार की ओर से दिया गया बयान आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत अपराध है या नहीं, यह जांच का विषय है।
अदालत ने कहा,
"यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि प्रथम प्रतिवादी - पुलिस उचित जांच के बिना स्वचालित रूप से चार्जशीट दायर नहीं करेगी। परिस्थितियों में याचिकाकर्ता हमेशा आवश्यक जमानत प्राप्त करने के लिए उपयुक्त अदालत में जाने के लिए स्वतंत्र है और उसी पर विचार किया जाएगा।"
अदालत ने कहा कि मामला अभी भी जांच के अधीन है, यह तय करना संभव नहीं है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत अपराध है या नहीं।
आगे कहा,
"यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि यदि प्रथम प्रतिवादी - पुलिस जांच पूरी होने के बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ चार्जशीट दायर करने का निर्णय लेती है, तो याचिकाकर्ता कानून के अनुसार इस अदालत में जाने के लिए हमेशा स्वतंत्र है।"
बेंगलुरु निवासी शिवकुमार ने अभिनेता के खिलाफ शेषाद्रीपुरम पुलिस स्टेशन में अक्टूबर में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने ऐसे बयान दिए जो हिंदू धर्म की भावनाओं को आहत करते हैं और जो समाज में शांति को भंग कर सकते हैं।
अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को चुनौती देते हुए कुमार ने याचिका में कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जो समाज के लोगों के बीच दुश्मनी, नफरत या दुर्भावना पैदा करे या बढ़ावा दे।
वकील ने अदालत को बताया,
"उन्होंने केवल आदिवासी देवता पूजा के हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं होने के बारे में अपनी राय व्यक्त की है और यह एक उचित टिप्पणी है और अकादमिक प्रकृति की है और इसे लोगों के बीच किसी भी दुश्मनी, घृणा या दुर्भावना को बढ़ावा देने के रूप में नहीं माना जा सकता है और यह आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत विचार किए गए अपराध का गठन नहीं करता है।"
अभियोजन पक्ष ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि क्या उसने ऐसा बयान दिया है जिससे समाज के लोगों के बीच दुश्मनी, नफरत या दुर्भावना को बढ़ावा मिलेगा, यह जांच का विषय है और संबंधित सामग्री को जब्त करने पर ही पुलिस यह निर्धारित कर पाएगी कि याचिकाकर्ता ने ऐसा अपराध किया है या नहीं।
केस टाइटल: चेतन ए. कुमार बनाम कर्नाटक राज्य
केस नंबर : क्रिमिनल पिटीशन नं. 10651 ऑफ 2022
साइटेशन: 2022 लाइव लॉ 503
आदेश की तिथि : 23 नवंबर, 2022
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