कर्नाटक हाईकोर्ट ने पुट्टेनहल्ली पक्षी रिजर्व को बीबीएमपी को देने के सरकारी आदेश को रद्द किया, वन विभाग को कार्यभार संभालने का आदेश

Update: 2021-12-06 12:13 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने 2009 के एक सरकारी आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके जरिए पुट्टेनहल्ली बर्ड्स कंजर्वेशन रिजर्व, येलहंका को ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) को सौंप दिया था।

चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी और जस्टिस सचिन शंकर मखदूम की पीठ ने कहा,

"हमारा विचार है कि स्वीकृत स्थिति को देखते हुए कि चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन, बर्ड्स कंजरर्वेशन रिजर्व को नियंत्रित करने, प्रबंधित करने और बनाए रखने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं, इसलिए, हमें रिजर्व को संरक्षण के ल‌िए बीबीएमपी को सौंपने में कोई औचित्य नहीं दिखता है।"

पीठ ने कहा,

"इसलिए, हम 11 दिसंबर 2009 की आक्षेपित अधिसूचना को रद्द करते हैं और वन विभाग को पुट्टेनहल्ली झील बर्ड्स कंजर्वेशन रिजर्व, येलहंका की देखभाल करने का निर्देश देते हैं।"

यालहंका पुट्टेनहल्ली झील और पक्षी संरक्षण ट्रस्ट और अन्य ने सरकारी आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने प्रस्तुत किया था कि राज्य सरकार ने 29 अप्रैल 2015 की राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से पक्षी संरक्षण, पुट्टेनहल्ली झील को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत "पुट्टेनहल्‍ली झील पक्षी संरक्षण रिजर्व" घोषित किया।

इसके अलावा कहा गया था,

" पक्षी संरक्षण रिजर्व के अंदर द्वीप हैं, जहां पक्षियों का घोंसला है। अब पक्षी संरक्षण रिजर्व आक्षेपित आदेश के कारण एक मानव रहित भूमि बन गया है, जहां उपद्रवी अनुचित लाभ उठा रहे हैं। पक्षी, उनके बच्चे, अंडे और घोंसलों को संरक्षित करने की आवश्यकता है।"

इसके अलावा, बीबीएमपी के पास पक्षी संरक्षण रिजर्व को बनाए रखने का कोई अधिकार या क्षमता नहीं है।

कोर्ट ने अभिलेखों के माध्यम से जाने पर कहा,

"संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि विचाराधीन पक्षी संरक्षण रिजर्व को बनाए रखा जाए और पक्षियों को ठीक से संरक्षित किया जाए।"

पीठ ने राज्य सरकार को 25 लाख रुपये की राशि तुरंत जारी करने का भी निर्देश दिया, जिसे पक्षी संरक्षण रिजर्व में लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए आवंटित किया गया है।

साथ ही कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया‌ कि पक्षी संरक्षण रिजर्व में उचित रखरखाव और विकास हो।

अदालत ने बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड- प्रतिवादी को निर्देश दिया कि वह वनस्पतियों और जीवों की सुरक्षा के लिए पक्षी संरक्षण रिजर्व में सीवेज के पानी को पूरी तरह से रोकने के लिए सभी पर्याप्त और पूर्ण उपाय करें।

केस शीर्षक: यालहंका पुट्टेनहल्ली झील और पक्षी संरक्षण ट्रस्ट और कर्नाटक राज्य।

केस नंबर: 2020 की रिट याचिका संख्या 7319

आदेश की तिथि: एक दिसंबर, 2021

प्रतिनिधित्व: याचिकाकर्ताओं के लिए अधिवक्ता अशोक आर. कल्याणशेट्टी; आर1 - आर4 के लिए एडवोकेट एस. राजशेखर; आर7 के लिए एडवोकेट केबी मोनेश कुमार; आर8 के लिए एडवोकेट वी. रघुनाथ; आर5 और आर6 के लिए एडवोकेट एसएच प्रशांत


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