जोधपुर सफाई अभियान पर हाईकोर्ट की सख्त निगरानी, लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की तैयारी

Update: 2025-11-17 12:18 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जोधपुर शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की विस्तृत रिपोर्ट पेश की। इसमें सरकार ने बताया कि शहरभर में सफाई और स्वच्छता कार्यों की निगरानी के लिए विशेष मॉनिटरिंग सेल का गठन किया गया, जो पूरे सफाई तंत्र की तैनाती और वास्तविक जमीनी काम की देखरेख करेगा।

सुनवाई हाईकोर्ट की दो जजों की पीठ जस्टिस विनीत कुमार माथुर और जस्टिस बिपिन गुप्ता के समक्ष हुई, जिसमें जोधपुर की स्वच्छता व्यवस्था को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की जा रही है। पिछली सुनवाई में न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह शहर की सड़कों और पार्कों से कचरा व मलबा हटाने तथा स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना हलफनामे के रूप में दाखिल करे।

सरकार ने बताया कि शहर को अलग-अलग ज़ोनों में बांटकर प्रत्येक क्षेत्र में सफाई के लिए अलग टीमें तैनात की गईं। कचरा उठाने और परिवहन के लिए कई ऑटो ट्रिपर और मशीनें लगाई गईं। साथ ही कचरे के अंतरिम संग्रह के लिए ट्रांज़िट स्टेशन और कलेक्शन सेंटर बनाए गए, जहां से कचरे को डंपिंग यार्ड तक पहुंचाया जा रहा है।

अनुपालन रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि जोधपुर में सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने और पर्यावरण सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं, जो कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के अनुरूप हैं।

नगर निगम जोधपुर के आयुक्त ने अदालत को बताया कि हर वार्ड में स्वच्छता कार्यों की निगरानी के लिए वार्ड समितियों के गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उन्होंने आश्वासन दिया कि शहर को स्वच्छ, व्यवस्थित और कचरा-मुक्त बनाने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए जाएंगे।

महत्वपूर्ण रूप से निगम आयुक्त ने कहा कि जो अधिकारी अपने कार्यों में लापरवाही बरतते पाए जाएंगे या अदालत के आदेशों का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

सरकार ने नवीनतम स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध किया, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। अब यह मामला आगामी 11 दिसंबर 2025 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।

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