कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार (3 सितंबर) को विजयपुरा के भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक बसनगौड़ा आर. पाटिल (यतनाल) को बड़ी राहत दी। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि उनके खिलाफ दर्ज FIR पर कोई जबरन कार्रवाई न की जाए। यतनाल पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से बयान दिया था कि कोई भी हिंदू युवक अगर मुस्लिम युवती से विवाह करेगा तो उसे 5 लाख रुपये दिए जाएंगे।
जस्टिस एम.आई. अरुण ने यतनाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अभियुक्त अधिकतम तीन साल की सजा वाले अपराधों में बुक किए गए। उन्होंने जांच में सहयोग का आश्वासन दिया।
कोर्ट ने कहा,
"प्रतिवादी पुलिस याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दबावपूर्ण कदम नहीं उठाएगी। याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करेंगे।"
उनके वकील वेंकटेश दलवाई ने दलील दी कि विधायक ने बयान धार्मिक सौहार्द बढ़ाने के लिए दिया, न कि किसी समुदाय को आहत करने के लिए। उन्होंने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट अंतरधार्मिक विवाह को मान्यता देता है, ऐसे में उन पर कोई अपराध बनता ही नहीं।
यतनाल पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 299, 196, 353(1)(C) और (2) के तहत मामला दर्ज है। इनमें धार्मिक भावनाएं आहत करने समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने और सार्वजनिक उपद्रव पैदा करने से संबंधित आरोप शामिल हैं।
सुनवाई के अंत में न्यायालय ने कहा,
"भारत विविधता का देश है 5000 वर्षों का इतिहास है। स्वाधीनता के बाद हमें वे बातें छांटनी हैं, जो हमें सौहार्द से रहने से रोकती हैं। हमें भेदभाव को हटाना है।"
कोर्ट ने सुझाव दिया कि जो विचार या उपदेश शांतिपूर्ण सहअस्तित्व में बाधक हैं, उन्हें चिन्हित कर समाज के सामने रखना चाहिए, ताकि लोग उन्हें अस्वीकार कर सकें।
केस टाइटल: बसनगौड़ा आर. पाटिल (यतनाल) बनाम राज्य कर्नाटक एवं अन्य