न्यायपालिका को भ्रमित व्यक्तियों द्वारा धमकी नहीं दी जा सकती: पटना हाईकोर्ट ने जजों को गाली देने वाले अधिवक्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया

Update: 2021-12-16 09:35 GMT

पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को एक अधिवक्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया, जिस पर पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया समेत सुप्रीम कोर्ट के जजों, पटना हाईकोर्ट के जजों, केंद्रीय कानून मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को गाली देने का आरोप है।

जस्टिस संदीप कुमार की खंडपीठ ने जजों और पुल‌िस महकमे के गणमान्य व्यक्तियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई गालीगलौज को रिपोर्ट करने में विफल रहने पर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को भी फटकार लगाई।

वकील दिनेश पर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जजों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के खिलाफ गालीगलौज का आरोप लगाया गया है।

मामले की सुनवाई के दरमियान कोर्ट ने कहा,

अतिरिक्त महानिदेशक, आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), बिहार सरकार, पटना ने पहले ही उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है, जो सरकार के मंत्रियों, संसद सदस्यों, विधानसभा सदस्यों और अन्य सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।

कोर्ट ने आगे कहा,

हालांकि ईओयू सीजेआई, सुप्रीम कोर्ट के जजों, पूर्व चीफ जस्टिस सहित पटना हाईकोर्ट जजों और पूर्व कानून मंत्री के खिलाफ विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी और पोस्ट करने वाले व्यक्ति/ व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा है।

कोर्ट ने ईओयू को याद दिलाया कि वे ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए बाध्य हैं। कोर्ट का यह भी विचार था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी अपने सोशल साइट्स/ऐप्स पर अपलोड की जा रही इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री को ईओयू को रिपोर्ट करने में विफल रहे।

इसलिए, कोर्ट ने ईओयू को एक एफअईआर दर्ज करने, एक विशेषज्ञ टीम का गठन करने और विभिन्न आपत्तिजनक सामग्र‌ियों और अधिवक्ता दिनेश द्वारा किए गए अपराधों की जांच करने और ऐसे आपत्तिजनक पोस्ट करने में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कानून के तहत उपयुक्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा,

"यह कार्रवाई तुरंत की जानी चाहिए क्योंकि न्यायपालिका को एक भ्रमित व्यक्ति द्वारा धमकी नहीं दी जा सकती है। ईओयू इस अवैध गतिविधि में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की भी जांच करेगा।"

कोर्ट ने 17 दिसंबर, 2021 को मामले में रिपोर्ट मांगी है, जिसके साथ एडीजी की शपथ के साथ एक हलफनामा भी पेश करना है। एडीजी को कोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने इस मामले में एडवोकेट मनु त्रिपुरारी को भी एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है।

इसके अलावा कोर्ट ने इकोनॉमिक ऑफिस यूनिट (ईओयू), इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, व्हाट्सअप, मैसेंजर, मेटा को इस आवेदन में विपरीत पक्ष के रूप में जोड़ने का निर्देश दिया है।

उल्लेखनीय है कि इसी मामले में हाल ही में पटना हाईकोर्ट ने कहा था कि साइबर अपराध में शामिल अपराधियों को पकड़ा जाना चाहिए और मामलों को सुलझाया जाना चाहिए और आम जनता को शिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे साइबर अपराध के शिकार न हों।

केस शीर्षक- शिव कुमार बनाम बिहार राज्य और अन्य

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