न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी : झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की सिफारिश मंज़ूर की
Judge Uttam Anand Death Case Goes To CBI
झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को झारखंड सरकार द्वारा की गई सिफारिश को स्वीकार करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को धनबाद के जिला न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में जल्द से जल्द जांच करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया।
धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत जज उत्तम आनंद को 28 जुलाई को सुबह की सैर के दौरान एक वाहन ने टक्कर मार दी थी। घटना के सीसीटीवी दृश्य सोशल मीडिया पर सामने आए, जिससे कानूनी बिरादरी सदमे में है।
उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) को घटना की जांच करने और 03 अगस्त तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। एसआईटी द्वारा जांच के आदेश के समय मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक त्वरित, निष्पक्ष और पेशेवर जांच का आह्वान किया था, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि अदालत जांच की प्रगति की निगरानी करेगी और तय करेगी कि जांच एसआईटी द्वारा जारी रखी जाएगी या केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपी जाएगी। मामले की जांच करने वाली एसआईटी की अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय लतकर ने की थी।
उस समय कोर्ट ने टिप्पणी की थी,
"अगर किसी भी समय अदालत को लगता है कि जांच सही दिशा में नहीं जा रही है, तो मामला सीबीआई को सौंप दिया जाएगा।"
एसआईटी की प्रगति से असंतुष्ट पीठ ने सवाल किया कि जब घटना सुबह 5.08 बजे हुई तो दोपहर 12.45 बजे प्राथमिकी क्यों दर्ज की गई? सीसीटीवी फुटेज से साफ था कि जज को मौके से उठाकर अस्पताल ले जाया गया।
कोर्ट ने पूछा,
"क्या पुलिस केवल एक बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करती है? क्या पुलिस स्वयं प्राथमिकी दर्ज नहीं करती है? पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने में छह घंटे क्यों लगे?"
न्यायाधीश उत्तम आनंद की चौंकाने वाली मौत के एक दिन बाद, झारखंड सरकार ने न्यायाधीश उत्तम आनंद की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की। आज की सुनवाई में केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि उसे इस संबंध में राज्य सरकार का पत्र मिला है।
सीबीआई बुधवार को जांच के लिए अधिसूचना जारी कर सकती है। अधिसूचना जारी होने के बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि एजेंसी को तुरंत प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए और सरकार को निर्देश दिया कि वह मामले के सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपे। कोर्ट ने राज्य को सीबीआई को सभी प्रकार की साजो-सामान की सहायता देने का निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को झारखंड राज्य में न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने घटना की प्रकृति के बड़े मुद्दे और अदालत परिसर के अंदर और बाहर न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों को देखते हुए 30 जुलाई को घटना का स्वत: संज्ञान लिया।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमाना ने झारखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद के दुखद निधन पर जांच की स्थिति पर एक सप्ताह में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सीजेआई एनवी रमाना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह बात कही थी।
(पीटीआई इनपुट्स के साथ)