झारखंड बार काउंसिल ने लॉकडाउन के दौरान वकीलों के कल्याण के लिए 50 लाख रुपए दिये, बीसीआई 45 लाख रुपए देगा

Update: 2020-05-01 05:30 GMT

झारखंड राज्य बार काउंसिल ने हाईकोर्ट को बताया कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान किसी भी मुश्किल स्थिति से निपटने के लिए उसने 50 लाख रुपए की राशि निर्धारित की है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की पीठ ने राज्य के एडवोकेट वेलफ़ेयर फंड ट्रस्टी कमेटी से जितना जल्दी हो बैठक आयोजित करने को कहा ताकि इस राशि को बांटने के बारे में निर्णय लिया जा सके।

पीठ ने ट्रस्टी कमेटी को शीघ्र बैठक बुलाने को कहा क्योंकि राज्य बार काउंसिल ने उसको सूचित किया है कि समिति ने जो योजना तैयार की है उसी के अनुरूप इस राशि को वितरित किया जाना है।

अदालत ने खारखंड एडवोकेट्स क्लर्क्स फंड अधिनियम, 2018 को लागू करने के लिए आवश्यक नियम बनाने के लिए झारखंड राज्य को भी समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 7 मई को होगी।

एडवोकेट वेलफ़ेयर फंड ट्रस्टी कमेटी का गठन झारखंड एडवोकेट्स वेलफ़ेयर फंड एक्ट, 2012 के तहत गठित किया गया।

कमेटी के अध्यक्ष ने अदालत को बताया उसका आय-ख़र्च घाटे में है लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए समिति वेलफ़ेयर स्टांप की बिक्री के भुगतान के बारे में क़दम उठा रही है। इस संबंध में सभी ज़िलों के ट्रेज़री अधिकारियों को पत्र भेजकर शीघ्र राशि भेजने को कहा गया है।

बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने अदालत को बताया कि झारखंड राज्य बार काउंसिल में पंजीकृत ज़रूरतमंद एडवोकेटों की मदद के लिए वह 45 लाख रुपए देगी।

इस बारे में पीआईएल दाखिल कर राज्य सरकार से 50 करोड़ रुपए की राशि तत्काल देने को कहा गया था ताकि एडवोकेटों और उनके पंजीकृत कलर्कों की इस कठिन समय में मदद की जा सके।

हालांकि, याचिकाकर्ता ने स्वीकार किया कि इस राशि को सरकार से प्राप्त करने का उसका कोई क़ानूनी अधिकार नहीं है पर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करना स्वीकार किया। 



Tags:    

Similar News