झारखंड हाईकोर्ट ने 52 वर्षीय व्यक्ति से शादी करने के लिए परिवार द्वारा मजबूर किए जाने पर सुरक्षा की मांग करने वाली लड़की को राहत दी

Update: 2022-09-29 07:39 GMT

झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में 26 वर्षीय लड़की को राहत दी, जिसने अपने परिवार के सदस्यों और अन्य सह-धार्मिक व्यक्तियों के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था। उसने दावा किया कि उसके परिवार के सदस्य उसे 52 वर्षीय व्यक्ति से शादी करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने रांची के सीनियर पुलिस सुपरिटेंडेंट को उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया ताकि उनकी गरिमा और जीवन की रक्षा की जा सके।

याचिकाकर्ता सना राशिद ने अदालत के समक्ष अपनी याचिका में दावा किया कि वह एक लड़की (अलग धर्म से संबंधित) की दोस्त है और उसके परिवार के सदस्य उसकी शादी लगभग 52 साल की उम्र के व्यक्ति से करने की कोशिश कर रहे हैं और वह उस व्यक्ति से शादी करने के लिए तैयार नहीं है।

उसकी याचिका में आगे कहा गया कि उसे आशंका है कि उक्त लड़की और उसके परिवार के सदस्यों को अन्य लोग निशाना बना सकते हैं। इसे देखते हुए उसने अपने परिवार के सदस्यों से सुरक्षा मांगी।

अदालत ने याचिका में किए गए बयानों के साथ-साथ उच्च अधिकारियों को भेजे गए अभ्यावेदन को ध्यान में रखा और पाया कि प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता मुश्किल में है।

इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी महत्वपूर्ण टिप्पणी की कि आजकल शिक्षित युवा लड़के और लड़कियां अपने जीवन साथी का चयन कर रहे हैं, जो बदले में समाज के पहले के मानदंडों से एक कदम आगे है, जहां जाति और समुदाय प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि इस तरह के अंतर-विवाह से जाति और समुदाय के तनाव कम हो जाएंगे। हालांकि, इन युवाओं को अपने ही परिवार के बुजुर्गों द्वारा खतरों का सामना करना पड़ता है।

इस पृष्ठभूमि के खिलाफ न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का अभिन्न अंग है, जहां परिवार और विवाह के संबंध में व्यक्ति की स्वायत्तता को अभिन्न माना जाता है।

नतीजतन, मामले में तात्कालिकता को देखते हुए अदालत ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रांची को याचिकाकर्ता की सुनवाई करने और उचित आदेश पारित करने का निर्देश देते हुए उक्त आदेश पारित किया ताकि उसकी गरिमा और जीवन की रक्षा की जा सके।

इसी के साथ याचिका का निस्तारण कर दिया गया।

केस टाइटल- सना राशिद बनाम झारखंड राज्य और अन्य

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