यदि दुर्घटना के समय मोटर वाहन पॉलिसी के अनुसार 'उपयोग के उद्देश्य' के उल्लंघन में था तो बीमा कंपनी उत्तरदायी नहीं: तेलंगाना हाईकोर्ट
तेलंगाना हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि बीमा कंपनी मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है यदि दुर्घटना के समय वाहन बीमा पॉलिसी के नियमों और उद्देश्य के उल्लंघन में था।
मामले के संक्षिप्त तथ्य
मृतक पद्म ट्रैक्टर-ट्रॉली मालिक के यहां मजदूरी का काम करता था। एक दिन मृतक अन्य मजदूरों के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली में एक गांव से दूसरे गांव जा रहा था कि ट्रैक्टर सड़क किनारे खाई में गिर गया जिससे मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई।
बीमा कंपनी ने बयान दिया कि विचाराधीन वाहन एक माल ढोने वाला वाहन था और दुर्घटना के समय यह लगभग 25 व्यक्तियों को विवाह पार्टी ले जा रहा था। इस प्रकार, वाहन के मालिक ने पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया, इसलिए कंपनी मालिक को हर्जाना देने के लिए उत्तरदायी नहीं है। पुलिस रिकॉर्ड ने भी इस बात की पुष्टि की है। बीमा पॉलिसी का कवरेज पांच कुलियों के लिए था।
आयुक्त ने माना कि मृतक अन्य मजदूरों के साथ काम से लौट रहा था और इस प्रकार, दुर्घटना काम करने के दौरान हुई। इसके अलावा, पॉलिसी के तहत पांच मजदूरों के जोखिम को कवर करने के लिए बीमा कंपनी द्वारा प्रीमियम लिया था। इसलिए, मालिक और बीमाकर्ता संयुक्त रूप से और गंभीर रूप से मृतक कामगार के आश्रितों को मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है।
अपीलकर्ता मेसर्स यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने श्रम आयुक्त, कर्मकार क्षतिपूर्ति द्वारा पारित आदेश दिनांक 07.12.2006 से व्यथित होकर अपील दायर की।
कानून का मुद्दा
क्या कमिश्नर ने न्यायसंगत रूप से मुआवजा अवॉर्ड किया? जबकि दावाकर्ताओं ने कर्मचारी और नियोक्ता के बीच कोई संबंध स्थापित होना नहीं बताया था। क्या दुर्घटना मृतक के रोजगार में रहते हुए घटित हुई?
क्या कमिश्नर ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दावा याचिका कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के प्रावधानों लागू करके सही किया?
न्यायालय का अवलोकन
जस्टिस पी. श्री सुधा ने आरोप पत्र के अवलोकन पर पाया कि मृतक और घायल मजदूर थे, लेकिन वे ट्रैक्टर और ट्रॉली के मालिक के साथ काम नहीं कर रहे थे। उनके बीच कोई नियोक्ता और कर्मचारी संबंध नहीं था। रोजगार के दौरान दुर्घटना नहीं हुई थी, क्योंकि मृतक और घायल शादी की पार्टी होकर ट्रैक्टर में सवार होकर श्रम कार्य में शामिल होने के बाद लौट रहे थे। इसी दौरान, फिर वे एक दुर्घटना का शिकार हो गए।
इसलिए, यह पॉलिसी के नियमों और शर्तों का उल्लंघन था और बीमा कंपनी मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है।
इस प्रकार बीमा कंपनी द्वारा अपील स्वीकार की जाती है।
केस शीर्षक: मैसर्स यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम रामा स्वामी और दो अन्य
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