सऊदी अरब में एक भारतीय नागरिक को गलती से दफनाया गया : दिल्ली हाईकोर्ट ने विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की एकल पीठ ने उस कार्यवाही को "दुर्भाग्यपूर्ण घटना" करार दिया, जिसमें सऊदी अरब में बसे एक भारतीय व्यक्ति को मुस्लिम रीति रिवाज के तहत दफ़ना दिया गया। इसके साथ ही अदालत ने विदेश मंत्रालय (MEA) के उप सचिव को निर्देश दिया कि वह एक ऐसे मामले में ऑनलाइन पेश हों।
मृतक व्यक्ति की पत्नी ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, ताकि मृत व्यक्ति के धर्म के अनुसार, उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। इसके लिए मृतक के शव को भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की गई है।
मृतक व्यक्ति की पहचान संजीव कुमार के रूप में की गई है। संजीव एक भारतीय प्रवासी और भारतीय पासपोर्ट धारक था और 24 जनवरी को सऊदी अरब में कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हो गया था। मृतक के निधन को संबंधित अस्पताल द्वारा प्रमाणित किया गया था। हालांकि भारतीय वाणिज्य दूतावास के आधिकारिक अनुवादक ने उक्त मृत्यु प्रमाण पत्र का गलत तरीके से अनुवाद करते हुए उस व्यक्ति को मुस्लिम के रूप में दिखाया।
विदेश मंत्रालय की ओर से पेश हुए वकील रिपुदमन भारद्वाज ने मामले की रिपोर्ट की और मृतक की पत्नी की प्रार्थना की ओर से उठाए गए कदमों के विवरण के साथ मामले में जवाब देने के लिए 10 दिन का समय मांगा।
इस पर अदालत ने पूछा,
"क्या आपने इस मामले की प्रकृति को देखा है?"
सऊदी अस्पताल द्वारा अरबी में मूल मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
कोर्ट ने MEA के वकील से पूछताछ की,
"आज तक आप नहीं जानते कि क्या शव वापस लाया जा सकता है?"
वकील ने कहा,
"हमें आगे बढ़ना है और लंबी कार्यवाही करनी है।"
इस पर अदालत ने आदेश दिया कि MEA के एक वरिष्ठ अधिकारी को स्थिति की रिपोर्ट और याचिकाकर्ता की प्रार्थना की ओर से उठाए गए सभी कदमों के साथ अदालत के सामने पेश होना होगा।
इसके साथ ही न्यायमूर्ति सिंह ने इस संबंध में MEA को 10 दिनों का समय देने से इनकार कर दिया और मामले को बुधवार को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।