एनएलएसआईयू, बैंगलोर ने कहा, कर्नाटक छात्र आरक्षण का अक्षरशः अनुपालन किया गया

Update: 2023-01-08 13:58 GMT

नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) ने यूनिवर्सिटी में कर्नाटक के छात्रों के प्रवेश पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है और दावा किया है कि उसने 'कर्नाटक छात्र आरक्षण को अक्षरशः लागू' किया है। 

नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया एक्ट, 1986 में संशोधन अधिनियम, 2020 के माध्यम से किए गए संशोधन में यह प्रस्तावित किया गया था कि कर्नाटक के छात्रों, यानी ऐसे छात्र जिन्होंने कम से कम 10 वर्ष तक राज्य के किसी भी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान में अध्ययन किया है, को यूनिवर्सिटी में 25% सीटों पर क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा।

हालांकि मास्टर बालाचंदर कृष्णन बनाम कर्नाटक राज्य व अन्य मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। उसी के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित थी, विश्वविद्यालय ने 17 अप्रैल 2021 को 'एनएलएसआईयू समावेशन और विस्तार योजना 2021-25' अपनाया था, जिसके तहत शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से कर्नाटक के छात्रों को 25% क्षैतिज कंपार्टमेंटलाइज़्ड आरक्षण प्रदान किया गया था।

इसके माध्यम से, एनएलएसआईयू ने यह सुनिश्चित किया था कि कर्नाटक के छात्रों को सामान्य/SC/ST/OBC/EWS श्रेणियों सहित प्रत्येक वर्टिकल श्रेणी में 25% सीटों पर प्रवेश दिया जाए, और इस तरह यह कुल छात्र समूह का 25% बनता है।

यूनिवर्सिटी ने बताया कि इस पैटर्न के अनुरूप 2021-22 में बीए एलएलबी (ऑनर्स) बैच में 120 में से 30 कर्नाटक छात्रों को, एलएलएम में 50 में से 13 छात्रों कर्नाटक छात्रों को प्रवेश दिया गया है। 2022-23 में बीए एलएलबी (ऑनर्स) में 180 में से 44 पर और एलएलबी (ऑनर्स) में 52 में से 14 पर, और एलएलएम में 75 में से 20 पर कर्नाटक छात्रों को एडमिशन दिया गया था।

इसलिए यह माना जा रहा है कि शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए, यूनिवर्सिटी में भर्ती होने वाले कर्नाटक के छात्रों की संख्या 135 तक बढ़ने का अनुमान है। विश्वविद्यालय ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि विभिन्न लॉ प्रोग्राम्स के लिए विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कर्नाटक के छात्रों की न्यूनतम संख्या भी बढ़कर लगभग 500 हो जाएगी।

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