अगर डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं की जा सकती तो सभी अस्पताल को बंद कर दें: केरल हाईकोर्ट ने महिला डॉक्टर की हत्या पर राज्य सरकार और पुलिस को फटकार लगाई

Update: 2023-05-10 11:53 GMT

Kerala High Court

केरल हाईकोर्ट ने 23 वर्षीय हाउस सर्जन की भीषण हत्या को रोकने में विफलता के कारण राज्य और पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई है। हाउस सर्जन को एक घायल अभियुक्त ने कई बार चाकू मारा था। उसे पुलिस जीम में सरकारी अस्पताल लाया गया था। उक्त दुर्भाग्यपूर्ण घटना आज सुबह हुई।

हाईकोर्ट ने आज आयोजित आपात सत्र में कहा, "यदि डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं की जा सकती है, तो सभी अस्पतालों को बंद कर दें।"

जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने युवा महिला डॉक्टर की सुरक्षा में विफल रहने पर पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, "आपने इस लड़की को विफल कर दिया है। यह एक ऐसा मामला है जहां आप एक व्यक्ति को अपनी हिरासत से लाए थे। पुलिस को लगातार सतर्कता बनाए रखनी चाहिए।"

23 वर्षीय हाउस सर्जन को हमलावर संदीप ने कथित तौर पर कई बार चाकू मारा था। वह एक स्कूल शिक्षक है। पुलिस हिरासत में रहे हमलावर को उसकी चोटों के इलाज के लिए कोट्टारक्करा तालुक अस्पताल लाया गया था।

न्यायालय ने कहा कि अपराधी ने पकड़े जाने पर असामान्य व्यवहार किया था और पुलिस को सतर्क रहना चाहिए था और ऐसी घटना का अनुमान लगाना चाहिए था।

कोर्ट ने यह भी कहा कि डॉक्टरों के सामने एक अभियुक्त को पेश करने के लिए एक प्रोटोकॉल होना चाहिए, जैसा कि मजिस्ट्रेट के लिए है। जस्टिस रामचंद्रन ने कहा, "इस प्रकार के रोगी को डॉक्टर के पास अकेला छोड़ना आपदा का न्योता देने जैसा है।"

कोर्ट ने पीड़िता के परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "माता-पिता के हालात की कल्पना करें। वे अपनी बेटी को अस्पताल में काम करने के लिए नहीं बल्कि सेवा करने के लिए भेजते हैं, और उसे एक ताबूत में वापस लाया जाता है। सबसे बुरा सपना है। यह आज हुआ है। ऐसा पहले किसी और देश में हुआ है या हम इसमें भी अव्वल हैं?"

कोर्ट ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए कल पोस्ट किया है। राज्य के पुलिस प्रमुख को कल सुबह तक रिपोर्ट देने को कहा गया है।

अदालत ने आदेश लिखवाते हुए कहा कि कमरे/घटना के स्थानों के सीसीटीवी दृश्य, को संरक्षित रखा जाएगा। अन्यथा पाए जाने पर अस्पताल के अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा। कोर्ट ने जेएफसीएम कोट्टारक्कारा से तालुक अस्पताल का दौरा करने और घटना स्थल का भौतिक निरीक्षण करने और कल तक कोर्ट को रिपोर्ट करने का भी अनुरोध किया।

न्यायालय ने यह भी कहा कि इस मामले में पारित प्रत्येक आदेश इंटर्न, छात्रों और चिकित्सा क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति पर बिना किसी आरक्षण के लागू होगा। हालांकि, इसने राज्य को इस दिशा में संशोधन की मांग करने की स्वतंत्रता दी।

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