पति ने शुरू की विवाह विघटन की कार्यवाही, कर्नाटक हाईकोर्ट ने पत्नी को मुकदमे के खर्च के रूप में 25 हजार रुपये देने को कहा

Update: 2022-05-13 05:08 GMT

Karnataka High Court

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पति को निर्देश दिया है कि वह मुकदमे के खर्च के रूप में 25,000 रुपये की राशि का भुगतान करे ताकि उसकी पत्नी अपने लिए एक वकील नियुक्त कर पाए और विवाह भंग/विघटन (Marriage Dissolution) करने की मांग वाली कार्यवाही का विरोध कर सके।

जस्टिस एस जी पंडित की पीठ ने कहा,

''मैं प्रतिवादी-पति को याचिकाकर्ता-पत्नी को मुकदमेबाजी के खर्च के लिए 25,000 रुपये की राशि का भुगतान करने का निर्देश देना उचित और सही समझता हूं।''

इस जोड़े ने 26.12.2011 को शादी की थी और शादी से उनके दो बच्चे हैं। प्रतिवादी पति ने अधिनियम की धारा 13(1)(i) और (ia) के तहत विवाह भंग करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की। उक्त कार्यवाही में पत्नी ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के तहत एक आवेदन दायर किया, जिसमें उसने वकील नियुक्त करने और मुकदमे को लड़ने के लिए 75,000 रुपये की राशि मुकदमेबाजी खर्च के तौर पर दिलाने की मांग की।

ट्रायल कोर्ट ने आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कानूनी सहायता के लिए याचिकाकर्ता-पत्नी को जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण से संपर्क करना चाहिए और मुकदमे के खर्च का भुगतान करने के लिए प्रतिवादी-पति को निर्देश देने का कोई प्रावधान नहीं है।

इसके बाद, पत्नी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पति ने याचिका के शीघ्र निपटान की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। पत्नी की ओर से प्रस्तुत किया गया कि प्रतिवादी-पति मानव संसाधन प्रमुख के रूप में कार्यरत है और प्रति माह 80,000 रुपये से अधिक का वेतन प्राप्त कर रहा है। याचिकाकर्ता-पत्नी की अपनी कोई आय नहीं है और याचिकाकर्ता पत्नी दो बच्चों की देखभाल कर रही है। उपरोक्त परिस्थितियों में, प्रतिवादी-पति मुकदमेबाजी के खर्च के लिए कुछ राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है।

पीठ ने प्रस्तुतियों पर विचार किया और कहा,''याचिकाकर्ता-पत्नी द्वारा मुकदमेबाजी के खर्च के रूप में मांगी गई राशि (यानी 75,000 रुपये) अधिक है। अदालत को यह उचित व सही लगता है कि प्रतिवादी-पति को याचिकाकर्ता-पत्नी को मुकदमे के खर्च के लिए 25,000 रुपये की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया जाए।''

इसके अलावा, अदालत ने पक्षकारों को निर्देश दिया है कि वह मामले के शीघ्र निपटान के लिए निचली अदालत के साथ सहयोग करें। वहीं निचली अदालत को निर्देश दिया गया है कि वह पति द्वारा दायर याचिका का शीघ्रता से निपटान करे।

केस का शीर्षक-पूजा एस बनाम अभिषेक शेट्टी

केस नंबर- रिट याचिका नंबर- 24220/2021

साइटेशन- 2022 लाइव लॉ (केएआर) 156

आदेश की तिथि-19 अप्रैल, 2022

प्रतिनिधित्व- याचिकाकर्ता के लिए एडवोकेट चंद्रशेखर.के,

एडवोकेट त्रिविक्रम.एस प्रतिवादी के लिए

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