हाईकोर्ट ने हिरासत में मौत के मामले में आरोपी आबकारी अधिकारियों के निलंबन के आदेश वापस लेने पर केरल सरकार को नोटिस जारी किया
केरल हाईकोर्ट ने हिरासत में मौत के मामले में आरोपी आबकारी विभाग के कुछ अधिकारियों के निलंबन को वापस लेने के सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने मृतक की पत्नी द्वारा दायर याचिका में नोटिस जारी किया। दो साल पहले आबकारी हिरासत में रंजीत कुमार की मौत हो गई थी।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामले को सुनवाई पूरी होने से पहले उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित होने के साथ वापस लेने को चुनौती दी है।
राज्य ने उक्त मामले में आरोपी सात आबकारी अधिकारियों के पक्ष में आदेश जारी किया था।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता ज्योतिलक्ष्मी केके ने प्रस्तुत किया कि आबकारी प्रवर्तन और एंटी नारकोटिक्स स्क्वॉड के इन सात अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया है।
आबकारी अधिकारियों ने मृतक रंजीत कुमार को 1 अक्टूबर 2019 को गुरुवायूर से कथित तौर पर दो किलोग्राम गांजा रखने के आरोप में अवैध हिरासत में रखा था।
आरोप है कि उसे त्रिशूर जिले में एक ताड़ी की दुकान के गोदाम में ले जाया गया और उसके बाद बेरहमी से मारपीट की गई। चार्जशीट के अनुसार, कुमार ने उस शाम दम तोड़ दिया।
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि आरोपी, जो आबकारी अधिकारी हैं, एर्नाकुलम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष अभियोजन का सामना कर रहे हैं। इसलिए, सेवा से निलंबन की वापसी और उसी विभाग में उनकी बहाली को अवैध बताया गया।
याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि इस तरह की वापसी अभियोजन पक्ष के मामले को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगी और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करके या आरोपी व्यक्तियों द्वारा गवाहों को प्रभावित करके न्याय से इनकार करेगी।
इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया गया है।
केस का शीर्षक: नेस्सी पी बनाम केरल राज्य