हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के लिए नए सिरे से चुनाव कराने, इसके संविधान में संशोधन के लिए बीसीसीआई को निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज की

Update: 2022-12-16 08:58 GMT

Jammu and Kashmir and Ladakh High Court

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें बीसीसीआई को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया शुरू करने और निकाय के नए सिरे से चुनाव कराने की आवश्यकता है।

यह आरोप लगाया गया है कि जेकेसीए के वर्तमान पदाधिकारी एक न्यायिक आदेश की अवज्ञा के दोषी हैं, जिसमें हितों के टकराव को लेकर 3 पदाधिकारियों को हटाने का निर्देश दिया गया है।

एक्टिंग चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान और जस्टिस पुनीत गुप्ता की पीठ ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि यह एक निपटाए गए मामले में दायर एक विविध आवेदन है।

पीठ ने दोहराया कि जब रिट याचिका के अंतिम निस्तारण से कार्यवाही समाप्त हो जाती है, तो कोर्ट के पास विविध आवेदन के माध्यम से कार्यवाही को फिर से खोलने का अधिकार नहीं है, विशेष रूप से ऐसे मामले के संबंध में, जो कार्रवाई का एक नया कारण प्रदान करता है।

प्रतिवादियों ने प्रस्तुत किया कि आवेदन ऐसे व्यक्तियों द्वारा दायर किया गया है जो मूल याचिका के पक्षकार नहीं हैं। यह आगे तर्क दिया गया कि हाईकोर्ट के नियमों के 67 (2) के तहत एक निपटाए गए मामले में आवेदन दायर किया जा सकता है, लेकिन यह आवेदन केवल मूल निर्णय में किसी टाइपोग्राफ़िकल त्रुटि के मामले में सुधार के लिए याचिका के पक्षकारों द्वारा दायर किया जा सकता है। यहां ऐसा केस नहीं है।

मामले पर फैसला सुनाते हुए पीठ ने कहा,

"आवेदक जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के संविधान में संशोधन के लिए समय सीमा तय करने और इसके चुनाव कराने सहित आवेदन में नए दिशा-निर्देश मांग रहे हैं, जैसा कि आवेदन में की गई प्रार्थना से स्पष्ट है।"

कानून की उक्त स्थिति का समर्थन करते हुए पीठ ने घनश्याम मिश्रा एंड संस प्राइवेट लिमिटेड बनाम एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड और अन्य ने 2022 लाइव लॉ (SC) 771 के रूप में रिपोर्ट किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अप्रत्यक्ष रूप से कोर्ट के आदेशों की समीक्षा के लिए आवेदन दायर करके या तो संशोधनों या आदेशों के स्पष्टीकरण की मांग करने की प्रथा को खारिज कर दिया।

याचिकाकर्ता की इस दलील को खारिज करते हुए कि कोर्ट सीपीसी की धारा 151 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने के लिए सक्षम है। पीठ ने कहा कि उक्त प्रावधान के तहत शक्तियों का सहारा नहीं लिया जा सकता है, जब अदालत के समक्ष कोई मामला लंबित नहीं है।

केस टाइटल: देश रतन दुबे बनाम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड

साइटेशन : 2022 लाइव लॉ (जेकेएल) 250

कोरम : एक्टिंग चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान और जस्टिस पुनीत गुप्ता

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