हाईकोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव 2022 के आयोजन के लिए डीयू को ईवीएम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) को 28 सितंबर को होने वाले दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) चुनाव 2022 के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) प्रदान करने का निर्देश दिया।
जस्टिस संजीव नरूला ने कहा कि मतदान के समय ईवीएम के संचालन के लिए प्रतिनियुक्त डीयू के कर्मचारियों को डीएचसीबीए द्वारा पूर्ण शिष्टाचार प्रदान किया जाएगा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि डीएचसीबीए चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि डीयू के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को किसी भी अप्रिय घटना या परिस्थितियों का सामना न करना पड़े और उनके साथ अपने संपर्क नंबर साझा करें ताकि वे किसी भी कठिनाई का सामना करने पर चुनाव आयोग से संपर्क कर सकें।
अदालत ने कहा,
"यह सुनिश्चित करने के लिए कि चुनाव के बाद डीयू द्वारा प्रदान की गई ईवीएम वापस कर दी जाए, चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाता है कि ऐसी ईवीएम के डेटा को सहेजा, संरक्षित और सुरक्षित किया जाए। ईवीएम को परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद डीयू को लौटा दिया जाए।"
अदालत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की अनुपलब्धता के कारण अपने चुनाव स्थगित करने के खिलाफ डीएचसीबीए द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
दिल्ली यूनिवर्सिटी डीएचसीबीए के साथ-साथ दिल्ली के अन्य बार एसोसिएशनों के चुनाव कराने के लिए ईवीएम उपलब्ध कराता रहा है।
डीएचसीबीए ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के 8 सितंबर के पत्र को चुनौती दी, जिसमें कहा गया कि आगामी चुनावों के लिए ईवीएम उपलब्ध कराने से पहले 2019 डीएचसीबीए चुनावों से संबंधित 1,10,29,948 रुपये का बकाया है, जिसको मंजूरी देनी है।
तदनुसार, 10 सितंबर को डीएचसीबीए ने प्रस्ताव पारित किया कि चूंकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें उपलब्ध नहीं है और इसे अन्य स्रोतों से व्यवस्थित करने में कुछ समय लगेगा। इसलिए शेड्यूल के अनुसार डीएचसीबीए 2022 चुनाव आयोजित करना संभव नहीं होगा। अगली सूचना तक चुनाव स्थगित कर दिए गए।
इस प्रकार याचिका में कहा गया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की अवैध अनुचित और मनमानी कार्रवाई ने निर्धारित चुनावों में तोड़फोड़ की।
इस प्रकार याचिका में दिल्ली यूनिवर्सिटी को डीएचसीबीए 2022 चुनावों के लिए ईवीएम की आपूर्ति के लिए बिना किसी कथित बकाया राशि की मांग पर जोर दिए निर्देश देने की मांग की गई। यह तय कार्यक्रम के अनुसार 28 सितंबर को चुनाव कराने के लिए एसोसिएशन के चुनाव आयोग को निर्देश देने की भी मांग करता है।
कोर्ट ने गुरुवार को डीएचसीबीए को पांच लाख रुपये का एडहॉक भुगतान करने का भी निर्देश दिया।
न्यायालय का प्रथम दृष्टया यह मत था कि चूंकि डीयू ईवीएम को किराए पर देने के व्यवसाय में नहीं है, इसलिए इससे कोई स्पष्ट नुकसान नहीं हुआ, जो आक्षेपित मांग का आधार बनेगा।
अब इस मामले की सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।
इससे पहले, एसोसिएशन के चुनाव आयोग ने अदालत को सूचित किया कि उसने 2022 के चुनावों को स्थगित करने के अपने फैसले को स्थगित करने का संकल्प लिया और यह बार एसोसिएशन के समन्वय से ईवीएम प्राप्त करने के लिए सभी वैकल्पिक विकल्पों का पता लगाएगा।
हालांकि, यह स्पष्ट किया गया कि नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख 12 सितंबर के बजाय 13 सितंबर होगी।
एसोसिएशन के चुनाव आयोग ने अदालत को यह भी बताया कि यदि एक सप्ताह के भीतर ईवीएम का कोई वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध नहीं होता है तो चुनाव स्थगित करने का उसका 10 सितंबर का निर्णय तब तक कायम रहेगा, जब तक कि ईवीएम की व्यवस्था नहीं हो जाती।
डीएचसीबीए चुनाव, 2022 कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन पत्र दाखिल करने का समय 12 से 14 सितंबर (अब 13 सितंबर से शुरू) तक था; नामांकन पत्रों की जांच 15 सितंबर को है। 16 से 17 सितंबर तक नामांकन पत्र वापस लेने का समय है और मतदान 28 सितंबर को निर्धारित है।
केस टाइटल: डीएचसीबीए और अन्य बनाम दिल्ली यूनिवर्सिटी और अन्य।