गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने फिजिकल सुनवाई फिर से शुरू न होने के कारण अदालत के सभी आधिकारिक कार्यों का बहिष्कार करने का फैसला किया
गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने फिजिकल सुनवाई फिर से शुरू न होने के कारण हाईकोर्ट के सभी आधिकारिक कार्यों/समारोह जैसे फुल बेंच रेफरेंस, किसी न्यायाधीश या मुख्य न्यायाधीश के शपथ समारोह (सिवाय उनके जिन्हें नामित न्यायाधीश द्वारा व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया जाता है) और लोक अदालतों का बहिष्कार करने का संकल्प लिया है।
इस संबंध में एसोसिएशन द्वारा एक संकल्प/प्रस्ताव सार्वजनिक किया गया है,जिसमें कहा गया है कि,
''जीएचएए ने सर्वसम्मति से गुजरात हाईकोर्ट द्वारा आयोजित सभी आधिकारिक समारोहों का बहिष्कार करने का संकल्प किया है जैसे कि फुल कोर्ट रेफरेंस, माननीय मुख्य न्यायाधीश या किसी भी माननीय न्यायाधीशों का शपथ समारोह(सिवाय उनके जिन्हें नामित न्यायाधीश द्वारा व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया जाता है) और लोक अदालतें। यह भी संकल्प लिया जाता है कि किसी भी माननीय न्यायाधीश की नियुक्ति, पदोन्नति या सेवानिवृत्ति पर कोई स्वागत समारोह या विदाई नहीं दी जाएगी।''
प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि वकीलों द्वारा बार-बार अनुरोध और अपील करने के बावजूद, अदालत ने फिजिकल तौर पर कामकाज शुरू नहीं किया है।
बार ने 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर जैसे राष्ट्रीय और संवैधानिक महत्व के इवेंट को मनाने के लिए समानांतर समारोह आयोजित करने का फैसला भी किया है।
हालांकि, एसोसिएशन ने अंतिम उपाय के रूप में और किसी भी वैमनस्य, टकराव, और दुर्भावना और अविश्वास की भावना से बचने के लिए मुख्य न्यायाधीश और उनके साथी न्यायाधीशों से 28.07.2021 से हाईकोर्ट में फिजिकल तौर पर कामकाज को शुरू करने का अनुरोध किया है।
इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि,
''यदि अनुरोध स्वीकार कर लिया जाता है, तो संकल्प/प्रस्ताव स्वचालित रूप से लागू नहीं होगा।''
अंत में, एसोसिएशन ने सोमवार को हाईकोर्ट के गेट नंबर 2 के बाहर शांतिपूर्ण धरना देने का भी संकल्प लिया है। इस धरने के दौरान गुजरात राज्य द्वारा निर्धारित सोशल डिस्टिेंसिंग, मास्क पहनने और अन्य एसओपी के मानदंडों का पालन किया जाएगा।
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