पीएम मोदी के खिलाफ 'गौतम दास' टिप्पणी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की मामला रद्द करने की याचिका खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई कथित 'नरेंद्र गौतम दास मोदी' टिप्पणी के मामले में उनके खिलाफ पूरी आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी। जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने आज यह आदेश पारित किया।
खेड़ा ने अपने खिलाफ दायर समन आदेश और आरोपपत्र को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। उन्होंने कथित घटना के लिए बिना शर्त माफी मांगते हुए एक हलफनामा भी दायर किया।
बुधवार को, लखनऊ की एक अदालत ने अदालत में पेश होने और आत्मसमर्पण आवेदन प्रस्तुत करने के बाद उन्हें जमानत दे दी, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया।
गौरतलब है कि 23 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर खेड़ा को असम पुलिस ने दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। उन पर धारा 153-ए, 153-बी(1)/ 500/504/505(1)(बी)/505(2) आईपीसी के तहत आरोप लगाए गए थे।
उसी दिन, शीर्ष अदालत ने खेड़ा को अंतरिम राहत दी और कहा कि उन्हें दिल्ली में न्यायक्षेत्र मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। बाद में अंतरिम जमानत को 28 फरवरी 2023 से 3 मार्च 2023 और फिर 17 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया।
20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ वाराणसी और असम में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ दिया और उन्हें पुलिस स्टेशन, हजरतगंज, लखनऊ में स्थानांतरित कर दिया। उसी दिन, उन्हें मामले में क्षेत्राधिकार अदालत के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन करने के लिए खेड़ा को स्वतंत्रता दी गई थी।
खेड़ा की ओर से अधिवक्ता सुधांशु शेखर त्रिपाठी उपस्थित हुए।