गुवाहाटी हाईकोर्ट ने टीपाम हिल्स में कथित अवैध अतिक्रमण पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक स्वत: संज्ञान जनहित याचिका में अधिकारियों को ऐतिहासिक टीपाम पहाड़ी के अवैध अतिक्रमण के आरोप के संबंध में एक रिपोर्ट पेश करने और अब तक की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
स्वर्गीय निलय दत्ता, सीनियर एडवोकेट द्वारा लिखे गए एक पत्र के आधार पर 2018 में अदालत द्वारा स्वत: संज्ञान जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें तिपाम पहाड़ी क्षेत्र में अवैध खनन के साथ-साथ अवैध खनन से संबंधित असमिया अखबार 'नियोमिया बार्टा' की एक रिपोर्ट पर प्रकाश डाला गया था।
इससे पहले कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से उक्त आरोपों पर रिपोर्ट मांगी थी। क्षेत्राधिकारी वन प्रमंडल पदाधिकारी ने दिनांक 17 दिसम्बर 2022 एवं 20 फरवरी 2023 की रिपोर्ट में बताया कि विभागीय अधिकारियों के हस्तक्षेप से अवैध खनन की घटनाओं पर रोक लगायी गयी है।
मुख्य न्यायाधीश संदीप मेहता और जस्टिस सुमन श्याम की खंडपीठ ने कहा:
"हालांकि, रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री से यह स्पष्ट नहीं है कि क्या टीपाम पहाड़ी के अवैध अतिक्रमण के आरोप से संबंधित जिला प्रशासन/राजस्व अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई की गई है।"
तदनुसार, अदालत ने जिले के राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे 6 सप्ताह के भीतर टीपाम पहाड़ी पर अतिक्रमण के आरोप में एक रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रस्तुत करें।
केस टाइटल : XXXX XXXX v. इन री- असम राज्य और 7 अन्य।
कोरम: मुख्य न्यायाधीश संदीप मेहता और जस्टिस सुमन श्याम
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