गरीब नवाज मस्जिद विध्वंस: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'द वायर' रिपोर्ट पर मस्जिद समिति सचिव के खिलाफ एफआईआर रद्द करने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गरीब नवाज मस्जिद समिति के सचिव मोहम्मद अनीस और बाराबंकी के एक स्थानीय निवासी मो. नईम ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया।
विचाराधीन एफआईआर उनके और समाचार पोर्टल द वायर और उसके दो पत्रकारों के खिलाफ दर्ज की गई थी, जो उत्तर प्रदेश में गरीब नवाज मस्जिद के कथित अवैध विध्वंस (रामसानेहीघाट, बाराबंकी) मुद्दे पर अपने पोर्टल पर इसकी रिपोर्टिंग की थी।
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने कहा कि यह याचिकाकर्ताओं के लिए इस मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत दायर करने के लिए खुला रहेगा और अदालत आपराधिक कार्यवाही को रद्द नहीं कर सकती।
एफआईआर में मस्जिद समिति के सचिव मोहम्मद अनीस और स्थानीय निवासियों में से एक मोहम्मद नईम का नाम है, जैसा कि वीडियो में द वायर के पत्रकार उनसे बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। महेंद्र सिंह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने द वायर के दो पत्रकारों के खिलाफ गरीब नवाज मस्जिद विध्वंस पर उनकी रिपोर्ट के लिए एफआईआर दर्ज की।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि पत्रकारों ने जानबूझकर 'समाज में वैमनस्य फैलाने' और 'सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने' के लिए एक 'अवैध इमारत' (मस्जिद) के कानूनी विध्वंस के संबंध में वीडियो ट्विटर पर अपलोड किया।